Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Jan, 2025 10:56 AM
इनकम टैक्स के बोझ से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार बजट 2025-26 के दौरान इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव या छूट की घोषणा कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करने वाली हैं, जिसमें करदाताओं को राहत देने के...
नेशनल डेस्क: इनकम टैक्स के बोझ से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार बजट 2025-26 के दौरान इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव या छूट की घोषणा कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करने वाली हैं, जिसमें करदाताओं को राहत देने के लिए नई योजनाओं और प्रस्तावों की उम्मीद की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिया है कि सालाना 10 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को टैक्स से पूरी तरह छूट दी जाए। उनका मानना है कि यह कदम मध्यम वर्ग को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा और घरेलू खपत को बढ़ावा देगा।
फिलहाल, नई टैक्स व्यवस्था के तहत आयकर में 7 लाख रुपये तक छूट मिल रही है। इसे और बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक किया जा सकता है। वहीं, पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने पर भी चर्चा हो रही है।
मिडिल क्लास को राहत
मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन पर ब्याज दर छूट, और चिकित्सा खर्चों में अधिक छूट मिलने की संभावना है। सरकार कर स्लैब को सरल बनाने और टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को और आसान बनाने के उपाय कर सकती है।
सरकार का फोकस बड़े टैक्सपेयर्स पर बढ़ेगा
हर साल करीब 7 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश टैक्सपेयर्स कम टैक्स चुकाते हैं।
प्रोसेसिंग का बोझ कम: टैक्स फ्री आय की सीमा बढ़ाने से सरकार को कम आय वाले करदाताओं के रिटर्न की प्रोसेसिंग पर कम समय और संसाधन खर्च करना पड़ेगा।
ज्यादा इनकम वालों पर ध्यान: इससे सरकार अपने संसाधनों को ज्यादा इनकम वाले करदाताओं और टैक्स बचाने की कोशिश करने वाले बिजनेसेज की जांच पर केंद्रित कर सकती है।
सरकार का रेवेन्यू कैसे बढ़ सकता है?
हालांकि कम आय वाले करदाताओं से सरकार को अपेक्षाकृत कम रेवेन्यू मिलता है, लेकिन ज्यादा इनकम और बड़ी कंपनियों पर फोकस बढ़ाने से राजस्व में वृद्धि हो सकती है। टैक्स बचाने वाले बिजनेसेज पर शिकंजा: विशेषज्ञों का मानना है कि कई बिजनेसेज टैक्स के दायरे से बचने की कोशिश करते हैं। इन पर कार्रवाई से सरकार की आय में इजाफा हो सकता है।
महंगाई और नौकरीपेशा लोगों पर असर
नौकरीपेशा लोग देश के टैक्स सिस्टम में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं क्योंकि उनकी सैलरी से टैक्स पहले ही काट लिया जाता है।
आने वाले बजट में संभावनाएं
1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में यह प्रस्ताव शामिल किया जा सकता है। इससे टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और आम लोगों को राहत देने के साथ-साथ सरकार के रेवेन्यू को संतुलित रखने का प्रयास हो सकता है।