Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Feb, 2025 02:39 PM
मोदी सरकार ने आम करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स के नियमों में ऐतिहासिक बदलाव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में ऐसा ऐलान किया जिससे नौकरीपेशा लोगों और मध्यम वर्ग की खुशी दोगुनी हो गई। सरकार ने शून्य टैक्स की सीमा को 3...
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आम करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स के नियमों में ऐतिहासिक बदलाव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में ऐसा ऐलान किया जिससे नौकरीपेशा लोगों और मध्यम वर्ग की खुशी दोगुनी हो गई। सरकार ने शून्य टैक्स की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया है, जबकि 12 लाख रुपये तक की कमाई को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया है। इससे लाखों करदाताओं की जेब में अतिरिक्त बचत होगी।
इतना ही नहीं, सभी टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जिससे 24 लाख रुपये तक कमाने वाले को भी 1.10 लाख रुपये तक की बचत का फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने सरकार के राजस्व पर 1 लाख करोड़ रुपये का असर पड़ने के बावजूद आम लोगों को राहत देने का बड़ा फैसला लिया है। हालांकि, यह बदलाव सिर्फ नई टैक्स रिजीम में किया गया है, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था को जस का तस रखा गया है।
नया इनकम टैक्स स्लैब
सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था में सभी स्लैब को संशोधित किया है, जिससे करदाताओं को अधिक राहत मिलेगी। नया टैक्स ढांचा इस प्रकार होगा:
- 4 लाख रुपये तक की कमाई – शून्य टैक्स
- 4 से 8 लाख रुपये तक की कमाई – 5% टैक्स
- 8 से 12 लाख रुपये तक की कमाई – 10% टैक्स
- 12 से 16 लाख रुपये तक की कमाई – 15% टैक्स
- 16 से 20 लाख रुपये तक की कमाई – 20% टैक्स
- 20 से 24 लाख रुपये तक की कमाई – 25% टैक्स
- 24 लाख रुपये से ऊपर की कमाई – 30% टैक्स
किसे कितनी बचत होगी?
बजट में किए गए बदलावों से हर वर्ग को टैक्स में राहत मिलेगी। इसकी गणना इस प्रकार की गई है:
- 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को सीधे 80,000 रुपये का फायदा होगा।
- 12 से 18 लाख रुपये तक कमाने वालों को 70,000 रुपये की राहत मिलेगी, जो 33% की बचत दर्शाता है।
- 25 लाख रुपये तक कमाने वालों को 1.10 लाख रुपये तक का फायदा होगा, जो पुरानी व्यवस्था की तुलना में 25% अधिक है।
75 हजार रुपये की अलग से राहत
वित्त मंत्री ने 12 लाख रुपये तक की कमाई को पूरी तरह टैक्स फ्री करने के साथ-साथ 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बरकरार रखा है। इस बदलाव के बाद 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे ऊपर की कमाई पर नए स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा, जिसमें पहले की तुलना में दरें कम कर दी गई हैं।
सरकार का उद्देश्य और आर्थिक प्रभाव
सरकार का यह कदम मध्यम वर्ग को राहत देने और उपभोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इससे सरकारी खजाने पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये का असर पड़ेगा, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि टैक्स पेइंग पॉपुलेशन बढ़ने और अधिक खर्च होने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।