Edited By Rahul Rana,Updated: 04 Dec, 2024 03:58 PM
हाल ही में जारी एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत दुनिया में मोबाइल वायरस के सबसे ज्यादा शिकार होने वाला देश बन गया है। इसका मतलब यह है कि हैकर्स अब भारत को मोबाइल वायरस डालने के लिए अपनी पहली पसंद मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया...
नॅशनल डेस्क। हाल ही में जारी एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत दुनिया में मोबाइल वायरस के सबसे ज्यादा शिकार होने वाला देश बन गया है। इसका मतलब यह है कि हैकर्स अब भारत को मोबाइल वायरस डालने के लिए अपनी पहली पसंद मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले साल भारत इस मामले में तीसरे नंबर पर था लेकिन अब यह पहले स्थान पर आ गया है।
यह रिपोर्ट Zscaler ThreatLabz 2024 Mobile, IoT, और OT Threat Report के आधार पर तैयार की गई है। इसमें बताया गया है कि जून 2023 से मई 2024 के बीच 20 अरब से ज्यादा मोबाइल ट्रांजैक्शंस और उनसे जुड़े साइबर खतरों का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल मोबाइल मैलवेयर हमलों का 28 प्रतिशत हिस्सा है जबकि अमेरिका का हिस्सा 27.3 प्रतिशत और कनाडा का हिस्सा 15.9 प्रतिशत है।
भारत में मोबाइल मैलवेयर के सबसे बड़े शिकार
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में सबसे ज्यादा हमले ट्रोजन वायरस के रूप में हो रहे हैं। ये वायरस उपयोगकर्ताओं को धोखा देकर अपने फोन में खतरनाक सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करवा लेते हैं। खासकर वित्तीय क्षेत्र सबसे अधिक असुरक्षित है यानी बैंकिंग से जुड़े हमले बढ़ गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में बैंकिंग मैलवेयर हमलों में पिछले साल की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मोबाइल स्पायवेयर (जासूसी सॉफ़्टवेयर) के हमलों में 111 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को बायपास कर रहे हमलावर
साइबर हमलावर अब ऐसे तरीके अपना रहे हैं जिससे बैंकिंग खातों को सुरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को भी आसानी से बायपास किया जा सके। इसके लिए वे फिशिंग जैसे धोखाधड़ी के तरीके अपनाते हैं। उदाहरण के लिए वे फर्जी लॉगिन पेज, सोशल मीडिया साइट्स और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए बैंक ग्राहकों को निशाना बना रहे हैं।
फर्जी वेबसाइट्स और SMS से धोखाधड़ी
इसके अलावा भारतीय डाक सेवा (India Post) भी अब साइबर अपराधियों का निशाना बन रही है। वे फर्जी एसएमएस भेजकर उपयोगकर्ताओं को धोखा देते हैं। इन संदेशों में यह कहा जाता है कि "पैकेज मिसिंग" या "डिलीवरी एड्रेस अधूरा" है ताकि उपयोगकर्ता जल्दबाजी में अपनी जानकारी शेयर कर दें। ऐसे संदेशों के जरिए धोखाधड़ी कर उपयोगकर्ताओं से क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है।
साइबर सुरक्षा का बढ़ता संकट
रिपोर्ट के आंकड़े इस बात को साफ तौर पर दर्शाते हैं कि साइबर सुरक्षा के खतरों में लगातार वृद्धि हो रही है और इन हमलों में भारत सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इससे यह भी साफ है कि यूजर्स को अधिक सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है ताकि वे इन साइबर खतरों से बच सकें।
अंत में कहा जा सकता है कि भारत में मोबाइल वायरस, बैंकिंग धोखाधड़ी और साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। साइबर सुरक्षा के लिहाज से यह चिंता का विषय बन चुका है और यूजर्स को अपनी सुरक्षा के लिए सावधान रहने की जरूरत है।