ICMR रिपोर्ट का खुलासा: भारत में हर 5 में से 3 लोगों की मौत की ये है सबसे बड़ी वजह!

Edited By Mahima,Updated: 27 Feb, 2025 11:37 AM

increasing risk of deaths due to cancer in india

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन में यह सामने आया है कि भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और 5 में से 3 लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं। महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर प्रमुख कारण हैं। 2050 तक कैंसर के...

नेशनल डेस्क: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि भारत में कैंसर के मामलों में अत्यधिक वृद्धि हो रही है, और कैंसर की पहचान होने के बाद हर पांच में से तीन लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस अध्ययन में कैंसर से होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़े और इसकी बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। यह अध्ययन लैंसेट जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें भारतीय स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट रूप से उजागर किया गया है। 

भारत में कैंसर का बढ़ता प्रकोप
ICMR द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह आंकड़े वैश्विक स्तर पर कैंसर से संबंधित आंकड़ों की तुलना में और भी ज्यादा चिंताजनक हैं। वैश्विक डेटा के अनुसार, अमेरिका में कैंसर से मृत्यु दर का अनुपात 4 में से 1 है, जबकि चीन में यह अनुपात 2 में से 1 है। लेकिन भारत में यह आंकड़ा 5 में से 3 है, यानी हर 5 कैंसर रोगियों में से 3 की जान नहीं बच पाती। यह भारत में कैंसर के इलाज और देखभाल में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।

भारत में महिलाओं पर कैंसर का अधिक असर
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि भारत में कैंसर से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित हैं। महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast Cancer) और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। भारत में स्तन कैंसर के मामलों का कुल कैंसर मामलों में 13 प्रतिशत और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का 9.2 प्रतिशत हिस्सा है। यही कारण है कि महिलाओं में कैंसर के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है और इसके इलाज में गंभीर चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।

स्तन कैंसर और इसके भयावह आंकड़े
स्तन कैंसर को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। 2022 में दुनियाभर में स्तन कैंसर के 23 लाख नए मामले सामने आए, और 6.7 लाख महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुकी थीं। यह दर्शाता है कि हर 20 में से 1 महिला स्तन कैंसर का शिकार बन रही है। समय के साथ यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। अनुमान के मुताबिक, 2050 तक स्तन कैंसर के नए मामलों में 38 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिससे सालाना 32 लाख नए स्तन कैंसर के मामले सामने आ सकते हैं। स्तन कैंसर के कारण हर मिनट औसतन एक महिला की मृत्यु हो रही है। इसी तरह, हर 4 मिनट में 1 महिला स्तन कैंसर का शिकार हो रही है। इससे साफ है कि कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। 

कैंसर से संबंधित मौतों के आंकड़े
भारत में कैंसर से संबंधित मौतों का आंकड़ा भी बेहद चिंताजनक है। ICMR के अध्ययन के मुताबिक, कैंसर से होने वाली मौतों में भारत का योगदान 10 प्रतिशत से अधिक है, जो कि दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बनता है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जैसे-जैसे भारत में जनसंख्या की आयु बढ़ रही है, वैसे-वैसे कैंसर के मामलों में 2 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, भारत में कैंसर के मामलों में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है, और यह आंकड़ा भविष्य में और बढ़ने की संभावना है। 

ICMR अध्ययन और भविष्य में स्थिति
ICMR के इस अध्ययन के अनुसार, भारत में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जिनमें अस्वस्थ जीवनशैली, तनाव, जंक फूड का बढ़ता सेवन, और प्रदूषण शामिल हैं। कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ इलाज की स्थिति भी गंभीर हो रही है। इलाज के लिए सुविधाओं का अभाव, डॉक्टरों की कमी और कैंसर के बारे में जागरूकता की कमी जैसी समस्याएँ कैंसर के मामलों को और जटिल बना रही हैं। 

भारत में कैंसर की स्थिति में सुधार की आवश्यकता
इस स्थिति से निपटने के लिए जरूरी है कि कैंसर के मामलों में होने वाली वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसमें कैंसर के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि और जनसंख्या में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा, कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान और सही समय पर इलाज कराने की महत्वता को समझना भी बहुत जरूरी है। भारत में कैंसर के मामलों का बढ़ता प्रकोप एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में यह समस्या और अधिक विकट हो सकती है। कैंसर के मामलों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए बेहतर उपचार, जांच सुविधाओं और जागरूकता अभियान की आवश्यकता है। 

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