Edited By Tanuja,Updated: 04 Jan, 2025 07:35 PM
भारत ने एक महत्वपूर्ण आर्थिक मील का पत्थर हासिल करते हुए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign Direct Investment in India) में अप्रैल 2000 से अब तक USD 1 ट्रिलियन का
International Desk: भारत ने एक महत्वपूर्ण आर्थिक मील का पत्थर हासिल करते हुए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign Direct Investment in India) में अप्रैल 2000 से अब तक USD 1 ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि निवेश के लिए देश के बढ़ते आकर्षण को उजागर करती है, जो इसके मजबूत आर्थिक विकास (India economic growth 2025) प्रगतिशील सुधारों और वैश्विक मंच पर बढ़ते बाजार की क्षमता को दर्शाती है। अप्रैल 2014 से सितंबर 2024 के बीच, भारत ने USD 709 बिलियन का FDI आकर्षित किया, जो अब तक प्राप्त कुल विदेशी निवेश का लगभग 69% है। यह उछाल इस बात का संकेत है कि भारत न केवल निवेशकों के लिए अपनी अपील बनाए रखने में सक्षम है, बल्कि वैश्विक निवेश के दृष्टिकोण से अपनी स्थिति को भी महत्वपूर्ण रूप से मजबूत किया है।
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वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में भारत का FDI 26% बढ़कर USD 42.1 बिलियन हो गया, जो इसे वैश्विक आर्थिक परिप्रेक्ष्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। यह FDI वृद्धि (FDI inflows India 2024) केवल देश के बढ़ते आकर्षणता को ही नहीं, बल्कि इसके विकसित हो रहे व्यापार वातावरण, मजबूत नीति ढांचे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को भी दर्शाती है। वर्षों से, FDI ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, पूंजी प्रदान करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, रोजगार अवसरों और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने में योगदान किया है। जैसे-जैसे देश विदेशी निवेश के लाभों का लाभ उठाता है, इसका वैश्विक आर्थिक प्रवृत्तियों को आकार देने में योगदान भी बढ़ता जा रहा है।
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भारत द्वारा विदेशी निवेश आकर्षित करने में कई इंटरकनेक्टेड कारक प्रमुख रहे हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धात्मकता (India global competitiveness rankings), नवाचार (India innovation index 2023) , सरकारी नीति सुधार (Indian government policy reforms) और बेहतर व्यापार वातावरण शामिल हैं। वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में भारत की उल्लेखनीय वृद्धि FDI प्रवाह (FDI in Indian tech sector) को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। देश की विभिन्न वैश्विक रैंकिंग में प्रगति इसकी विदेशी निवेशकों के लिए बढ़ती आकर्षणता को दर्शाती है। 2024 के विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने तीन स्थानों की छलांग लगाई और 40वें स्थान पर पहुंच गया, जो 2021 में 43वें स्थान से ऊपर था।
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इसी तरह, 2023 के वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 132 अर्थव्यवस्थाओं में 40वें स्थान पर था, जो 2015 में 81वें स्थान से एक बड़ी छलांग थी। ये रैंकिंग भारत के नवाचार को बढ़ावा देने, तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने और समग्र व्यापार वातावरण में सुधार को दर्शाती हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत की वैश्विक निवेश मानचित्र पर स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। 2023 की विश्व निवेश रिपोर्ट के अनुसार, भारत ग्रीनफील्ड परियोजनाओं (Greenfield projects India) के लिए तीसरे सबसे बड़े प्राप्तकर्ता के रूप में उभरा, जिसमें 1,008 ग्रीनफील्ड परियोजना घोषणाएं शामिल हैं। ग्रीनफील्ड परियोजनाएं, जो बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में नए निवेशों को शामिल करती हैं, दीर्घकालिक निवेशक विश्वास का एक प्रमुख संकेतक हैं। इसके अतिरिक्त, देश ने अंतरराष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदों में 64% की वृद्धि देखी, जिससे यह वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े प्राप्तकर्ता के रूप में उभरा।