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18% GST: सस्ता होने जा रहा स्वास्थ्य बीमा और दवाइयां.... इंडिया गठबंधन के सांसदों ने 18% GST को हटाने के लिए केंद्र सरकार पर बनाया दबाव

Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Aug, 2024 11:41 AM

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राजधानी दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया।  प्रदर्शन का उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18% GST को हटाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा,...

नेशनल डेस्क:  राजधानी दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया।  प्रदर्शन का उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18% GST को हटाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, 'सरकार ने स्वास्थ्य बीमा और दवाइयों पर जो जीएसटी लगा रखी है उससे आम जनमानस बहुत परेशान है। नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री) भी इसके लिए पत्र लिख चुके हैं। सरकार के अंदर भी इस बात के लिए बहुत विरोध है। पूरा विपक्ष आज इसके लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सरकार को आम आदमी को राहत देनी पड़ेगी।'

विपक्षी दलों का कहना है कि बीमा प्रीमियम पर 18% GST लोगों के लिए आर्थिक बोझ है और इसे हटाना आवश्यक है। उनका तर्क है कि यह टैक्स न केवल बीमा पॉलिसियों को महंगा बनाता है, बल्कि समाज में आर्थिक असुरक्षा भी बढ़ाता है। वे मांग कर रहे हैं कि GST हटाने से अधिक लोग बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र
इससे पहले भी विपक्षी दलों ने बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर समन्वय किया था, लेकिन संयुक्त रूप से किसी प्रदर्शन की योजना नहीं बनाई गई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने आग्रह किया है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर GST को हटाया जाए, जिससे जनता को राहत मिल सके।
 
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र लिखकर जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा पर 18% GST हटाने की मांग की है। गडकरी ने तर्क दिया है कि इन बीमा पॉलिसियों पर से GST हटाने से लोग अधिक संख्या में बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।

संभावित निर्णय
54वीं GST काउंसिल की बैठक अगस्त के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है, जिसमें इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यदि वित्त मंत्री इस प्रस्ताव को मंजूरी देती हैं, तो देश के करोड़ों लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस करना आसान हो जाएगा और इसका प्रीमियम भी कम हो जाएगा।

GST हटाने के संभावित प्रभाव
प्रीमियम में कमी: मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम में कमी आएगी, जिससे अधिक लोग इसे खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
सस्ती सेवाएं: अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में कमी हो सकती है, जिससे चिकित्सा सेवाएं अधिक सस्ती हो जाएंगी।
स्वास्थ्य सुरक्षा: अधिक लोग इंश्योरेंस खरीद पाएंगे, जिससे समग्र जनसंख्या की स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ेगी।

उदाहरण
मेडिकल इंश्योरेंस पर 18% GST हटाने से बीमा पॉलिसी प्रीमियम में 18% की सीधी बचत होगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी पॉलिसी का प्रीमियम 10,000 रुपये है, तो वर्तमान में 18% GST के साथ कुल लागत 11,800 रुपये हो जाती है। GST हटाने के बाद, वही पॉलिसी 10,000 रुपये में ही उपलब्ध होगी, जिससे 1,800 रुपये की बचत होगी। इससे पॉलिसीधारकों को आर्थिक राहत मिलेगी और अधिक लोग बीमा कवरेज लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

गडकरी का पत्र
गडकरी ने पत्र में लिखा है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के सामान है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इनसे GST हटाने से लोग अधिक संख्या में बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।

उन्होंने कहा, "संघ का मानना ​​है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उससे इस जोखिम के लिए कवर खरीदने के प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी इस व्यवसाय के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से आवश्यक है। 

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