Edited By Rahul Rana,Updated: 09 Apr, 2025 03:34 PM
भारत सरकार ने बुधवार को फ्रांस से लगभग 64,000 करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस खरीद परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने फ्रांस से लगभग 64,000 करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस खरीद परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (CCS) ने मंजूरी दी है। यह कदम भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर आईएनएस ‘विक्रांत’ विमानवाहक पोत पर इन जेटों की तैनाती के संदर्भ में। भारत सरकार की राफेल-एम जेट की खरीद की मंजूरी से यह स्पष्ट है कि भारतीय नौसेना को समुद्र में अत्यधिक प्रभावी वायु शक्ति प्रदान करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए जा रहे हैं। यह सौदा न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को समुद्र में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने का एक अवसर भी प्रदान करेगा।
राफेल-एम जेट की विशेषताएँ और तैनाती
भारत के रक्षा मंत्रालय ने जुलाई 2023 में फ्रांस से राफेल-एम जेट खरीदने के लिए मंजूरी दी थी। इन जेट्स को मुख्य रूप से भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस ‘विक्रांत’ पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय नौसेना की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उसे समुद्र में अपनी ताकत और क्षमता बढ़ाने का अवसर मिलेगा। राफेल-एम जेट अत्याधुनिक युद्धक विमान हैं, जो समुद्र से हवा में जंग लड़ने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इन विमानों की विशेषताएँ इसे किसी भी मौसम में अत्यधिक प्रभावी बनाती हैं, और यह भारतीय नौसेना को उच्चतम स्तर की वायु शक्ति प्रदान करेंगे।

स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना की भी मंजूरी
इसके साथ ही, रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को भी मंजूरी दे दी है। भारतीय नौसेना के लिए यह एक और महत्वपूर्ण सैन्य क्षमता वृद्धि है। भारतीय नौसेना के 'परियोजना 75' के तहत, पहले ही फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) द्वारा छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा चुका है। ये पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना की सतह से नीचे की लड़ाई में मदद करती हैं और देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
राफेल-एम जेट के खरीद की प्रक्रिया
राफेल-एम जेट की खरीद एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर आधारित होगी। इस समझौते के तहत, भारत और फ्रांस के बीच सुसंगत हथियार प्रणालियों, कल-पुर्जों और सहायक उपकरणों के साथ ये जेट्स भारत को उपलब्ध कराए जाएंगे। यह समझौता सुनिश्चित करेगा कि भारतीय नौसेना के पास एक अत्याधुनिक और आधुनिक लड़ाकू विमान बेड़ा हो, जो समुद्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम हो।
राफेल जेट के साथ भारत की सैन्य ताकत में इजाफा
राफेल-एम जेट की खरीद भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। इससे भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के लिए राफेल विमानों की खरीद पहले ही एक रणनीतिक सफलता मानी जा चुकी है, और अब नौसेना के लिए यह एक और महत्वपूर्ण विकास है। इससे भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा और मजबूत होगी।