Edited By Radhika,Updated: 16 Jan, 2025 12:14 PM
इसरो ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट में सैटेलाइट को जोड़ने में सफलता हासिल की है। इसरो ने सोशल मीडिया पर इसे ऐतिहासिक सफलता बताया और कहा कि भारत अब इस काम को करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
नेशनल डेस्क: इसरो ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट में सैटेलाइट को जोड़ने में सफलता हासिल की है। इसरो ने सोशल मीडिया पर इसे ऐतिहासिक सफलता बताया और कहा कि भारत अब इस काम को करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। पहले 12 जनवरी को इसरो ने डॉकिंग ट्रायल के दौरान दोनों सैटेलाइट को तीन मीटर से भी कम दूरी पर लाकर फिर सुरक्षित दूरी पर पहुंचा दिया था। इस स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को लॉन्च किया था।
श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था
पीएसएलवी सी60 रॉकेट की मदद से दो छोटे सैटेलाइट, SDX01 और SDX02, को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। इन सैटेलाइट्स को 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया गया।
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इसरो के मुताबिक, स्पाडेक्स मिशन एक लागत-कुशल तकनीकी मिशन है, जिसमें पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल किया गया। यह मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग की तकनीक को प्रदर्शन करने के लिए है। डॉकिंग तकनीक का उपयोग तब किया जाता है जब एक सामान्य मिशन के लिए कई रॉकेट्स की जरूरत होती है।
प्रधानमंत्री ने दी बधाई
इसरो की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने लिखा, "उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को बधाई। यह भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक अहम कदम है।"