Edited By Mahima,Updated: 25 Nov, 2024 02:57 PM
भारत ने आर्मेनिया को पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लांचर (MBRL) की आपूर्ति शुरू की है, जो भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है। यह कदम आर्मेनिया को आकाश वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के साथ लिया गया है।...
नेशनल डेस्क: भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का निर्यात बढ़ाते हुए आर्मेनिया को पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लांचर (MBRL) की आपूर्ति शुरू कर दी है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब भारत ने आर्मेनिया को आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति भी शुरू कर दी है, जिससे भारत-आर्मेनिया रक्षा सहयोग को और मजबूत किया गया है।
अत्याधुनिक हथियार प्रणाली
पिनाका रॉकेट लांचर भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक अत्यधिक सक्षम हथियार प्रणाली है, जिसे मुख्य रूप से भारी बारूद के साथ दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पिनाका की विभिन्न किस्में 80 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती हैं, और यह प्रणाली एक मल्टी बैरल रॉकेट लांचर (MBRL) के रूप में काम करती है। इसके द्वारा एक साथ कई रॉकेटों का प्रक्षेपण किया जा सकता है, जिससे युद्धक्षेत्र में त्वरित और प्रभावी हमले किए जा सकते हैं।
आर्मेनिया के साथ समझौता और आपूर्ति की शुरुआत
पिनाका रॉकेट लांचर के लिए भारतीय फर्मों और आर्मेनिया के बीच लगभग दो साल लंबी बातचीत के बाद एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। अब, इस समझौते के तहत, पिनाका की पहली खेप आर्मेनिया को भेजी गई है। भारत के रक्षा सूत्रों ने एएनआई (ANI) को बताया कि पिनाका रॉकेट लांचर के साथ-साथ भारत ने आर्मेनिया को आकाश वायु रक्षा प्रणाली भी प्रदान करना शुरू किया है। इस प्रणाली की आपूर्ति से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी।
भारत के रक्षा निर्यात का बढ़ता प्रभाव
भारत के रक्षा निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है, और पिनाका रॉकेट लांचर के निर्यात को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। भारत के रक्षा उद्योग ने कई देशों के साथ अपने संबंधों को सशक्त किया है, और पिनाका रॉकेट लांचर के निर्यात से इसका प्रमाण मिलता है। आर्मेनिया के अलावा, दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कई देशों ने पिनाका रॉकेट लांचर में रुचि व्यक्त की है। इन देशों में पिनाका के विभिन्न संस्करणों को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने की योजना है।
फ्रांस और अमेरिका के साथ बढ़ती साझेदारी
पिनाका रॉकेट लांचर के प्रति वैश्विक रुचि केवल आर्मेनिया तक सीमित नहीं है। भारतीय रक्षा उद्योग ने अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के साथ भी मजबूत साझेदारी बनाई है। खासकर फ्रांस ने पिनाका के गाइडेड संस्करण में रुचि दिखाई है। इस साल की शुरुआत में, भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की फ्रांस यात्रा के दौरान इस हथियार प्रणाली को लेकर चर्चा हुई थी। फ्रांस, भारत से रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और इसके अलावा, भारत से वहां इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य रक्षा उपकरणों का निर्यात भी होता है।
आधुनिक परीक्षण और विकास
पिनाका रॉकेट लांचर के गाइडेड संस्करण का हाल ही में डीआरडीओ द्वारा महत्वपूर्ण परीक्षण किया गया है। यह गाइडेड पिनाका रॉकेट अत्यधिक सटीकता से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है। इस संस्करण का निर्माण नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज़ और सरकारी स्वामित्व वाली म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है। गाइडेड पिनाका की सटीकता और शक्ति ने इसे एक प्रमुख रणनीतिक हथियार प्रणाली बना दिया है, जिसे भारत की सेना ने अपनाया है और विदेशी बाजारों में भी इसकी मांग बढ़ रही है।
भारत की रक्षा निर्यात नीति
भारत ने 2014 के बाद से अपने रक्षा निर्यात को तीन गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का विकास, विदेशी सहयोग को प्रोत्साहित करना और अन्य देशों के साथ रक्षा संबंधों को मज़बूत करना। भारत अब वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और आने वाले वर्षों में इसके निर्यात में और वृद्धि होने की संभावना है। भारत का पिनाका रॉकेट लांचर आर्मेनिया को निर्यात करना भारतीय रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक पहचान और क्षमताओं का एक बड़ा संकेत है। यह कदम भारतीय रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को और सिद्ध करता है, और भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। पिनाका के निर्यात से न केवल भारत की रक्षा तकनीकी क्षमता की पुष्टि होती है, बल्कि यह आर्मेनिया के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को भी और प्रगाढ़ करता है।