Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Nov, 2024 11:01 AM
भारत सरकार ने साइबर अपराध को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है और 17,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट (DOT) द्वारा मिलकर की गई है। ये अकाउंट्स...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने साइबर अपराध को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है और 17,000 से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट (DOT) द्वारा मिलकर की गई है। ये अकाउंट्स मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के हैकरों के थे, जो निवेश के लाभ, गेमिंग, डेटिंग ऐप्स और फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को ठग रहे थे। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों को धोखा देकर उनके पैसे निकालना था।
साइबर क्राइम नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई
भारत सरकार ने यह कदम भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और टेलिकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट (DOT) के संयुक्त प्रयासों से उठाया है। इन दोनों संस्थाओं ने मिलकर एक योजना बनाई और इन संदिग्ध व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया। गृह मंत्रालय के साइबर-सेफ्टी प्लेटफॉर्म 'साइबरदोस्त' ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर नोटिफिकेशन जारी किया। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य साइबर क्राइम नेटवर्क को नष्ट करना और भारत की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना है।
दक्षिण-पूर्व एशिया में छिपे अपराधी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, I4C और DOT की जांच में यह सामने आया कि दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों—कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपींस और लाओस—में स्थित अपराधी भारतीयों को निवेश के झांसे में फंसा कर, उन्हें Online games, dating apps, और फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए ठगते थे। भारत में हुई साइबर क्राइम की लगभग 45% घटनाएं इन देशों से की जा रही थीं। यह नेटवर्क ट्रेस करना चुनौतीपूर्ण था, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा था।
कंबोडिया में ठगी का ताजा मामला
जांच में यह भी पता चला कि इन साइबर क्रिमिनल्स ने भारतीयों को कंबोडिया में काम की तलाश में भेजने का झांसा दिया। जब इन भारतीयों ने वहां ठगी का शिकार होने के बाद विरोध किया, तो कंबोडिया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कंबोडिया सरकार ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए और उन्हें सुरक्षित तरीके से वापस भारत भेजने का निर्णय लिया।
भारत सरकार की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। I4C और DOT के सहयोग से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले समय में ऐसे धोखाधड़ी वाले नेटवर्कों का पीछा किया जाए और भारतीय नागरिकों को साइबर अपराध से बचाया जा सके।