भारत-कनाडा के बीच खालिस्तानी मुद्दे पर वार्ता में नया मोड़, राजनयिकों पर मंडरा खतरे को लेकर टेंशन में भारत

Edited By Tanuja,Updated: 01 Oct, 2024 11:19 AM

india canada resolution talks kick into higher gear

भारत और कनाडा (India and Canada) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और खालिस्तानी मुद्दों पर चल रही चर्चाओं ने हाल के महीनों में एक....

Toronto: भारत और कनाडा (India and Canada) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और खालिस्तानी मुद्दों पर चल रही चर्चाओं ने हाल के महीनों में एक नया मोड़ लिया है। दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों ने हाल ही में कम से कम दो बार मुलाकात की है, जहां कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों पर गहराई से चर्चा की गई। भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से कनाडा में अपने राजनयिकों के खिलाफ मिल रही धमकियों पर अपनी गंभीर चिंताओं को जाहिर किया है। इन बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने किया, जबकि कनाडा की ओर से वेल्डन एप, जो कनाडा के ग्लोबल अफेयर्स के सहायक उप मंत्री हैं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रभारी हैं, ने भाग लिया। दोनों के बीच पहली बैठक जून के पहले सप्ताह में लाओस की राजधानी वियनतियाने में हुई, जहां आसियान क्षेत्रीय फोरम (ARF) के सीनियर अधिकारियों की बैठकें हो रही थीं। इसके बाद, वेल्डन एप नई दिल्ली पहुंचे और मजूमदार से एक और बैठक की।

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 भारतीय राजनयिकों के खिलाफ धमकियों को लेकर भारत की चिंताएं प्रमुख विषय रहीं। भारत ने कनाडा में हो रही उन गतिविधियों पर नाराजगी जताई, जिनमें खालिस्तानी समूहों द्वारा भारतीय राजनयिकों को सीधे तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा, भारत ने कनाडा में ऐसे पोस्टरों की शिकायत की, जिनमें वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों, खासकर उच्चायुक्त संजय वर्मा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी शामिल किया गया था। हाल के दिनों में कुछ खालिस्तानी समर्थक झांकियों में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का चित्रण भी दिखाया गया, जिससे भारत का आक्रोश और बढ़ गया।कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय पक्ष को बताया कि ओटावा सरकार खालिस्तानी तत्वों के प्रदर्शनों को समर्थन नहीं देती। कनाडाई अधिकारियों ने इन प्रदर्शनों को "कानूनी लेकिन नैतिक रूप से गलत" या "lawful but awful" कहा। यह वाक्यांश पहले भी कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के बीच बातचीत में उपयोग किया जा चुका है।

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 इन बैठकों में एक और अहम मुद्दा खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भी रही। निज्जर की जून 2023 में हुई हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव और बढ़ गया था। इस मामले में कनाडाई अदालत में चार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई भी चल रही है। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच के कड़वे मुद्दों को सुलझाना और द्विपक्षीय रिश्तों को फिर से पटरी पर लाना था। कनाडाई पक्ष ने भारत की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए माना कि उन्हें खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों के प्रति और अधिक संवेदनशील होना होगा। भारतीय पक्ष ने कहा कि "फंक्शनल जॉइंट कमेटियां" फिर से सक्रिय होनी चाहिए, ताकि दोनों देश आपसी सहयोग से इन समस्याओं का समाधान निकाल सकें।

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