अगर रिश्ते बेहतर होते तो भारत, पाकिस्तान को दिए जाने वाले IMF फंड से ज्यादा फंड दे सकता था: राजनाथ सिंह

Edited By Mahima,Updated: 30 Sep, 2024 09:00 AM

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में कहा कि बेहतर भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भारत पाकिस्तान को IMF से अधिक मदद कर सकता था। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक संकट और आतंकवाद के समर्थन की आलोचना की, यह बताते हुए कि पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग...

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू और कश्मीर के बांदीपुर में आयोजित एक रैली में भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार होता, तो भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मांगी गई राशि से अधिक मदद दे सकता था। यह टिप्पणी पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के संदर्भ में की गई।

राजनाथ सिंह ने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज की राशि समय के साथ बढ़ी है, और उन्होंने उल्लेख किया कि यह राशि इतनी है कि पाकिस्तान को IMF से उससे कम राशि के लिए अनुरोध करना पड़ा। वर्तमान में, पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके तहत IMF ने हाल ही में उसे 7 अरब डॉलर (लगभग 58,597 करोड़ रुपये) का ऋण मंजूर किया है। इस संदर्भ में, राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध टिप्पणी का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "आप दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।" इस बात को उन्होंने इस तरह से समझाया कि अच्छे संबंध दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकते थे, लेकिन आतंकवाद और अन्य मुद्दों के कारण ऐसा होना मुश्किल है।

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की नीतियों पर कड़ी आलोचना की, यह कहते हुए कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दूसरे देशों से आर्थिक मदद मांगता है। उन्होंने कहा, "जब भी हमने आतंकवाद की जांच की है, तो हमें पाकिस्तान की संलिप्तता मिली है।" उनके अनुसार, भारत की लगातार सरकारों ने पाकिस्तान को यह समझाने का प्रयास किया है कि उन्हें आतंकवादी शिविर बंद करने चाहिए, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अब अलग-थलग पड़ गया है।

यहां तक कि तुर्की, जो पाकिस्तान का एक प्रमुख समर्थक रहा है, ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के मुद्दे का जिक्र नहीं किया। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन में कमी आ रही है। इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने बताया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पाकिस्तान "हताश" हो गया है और वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से फैलाने की कोशिश कर रहा है। हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।

इस तरह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति और सहयोग की ओर अग्रसर होना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और नकारात्मक नीतियों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। उनका बयान इस बात की पुष्टि करता है कि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर है और वह आतंकवाद के खिलाफ एक कठोर रुख अपनाएगा।

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