Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Dec, 2024 09:32 AM
भारत से स्मार्टफोन का निर्यात नवंबर 2024 में 20,000 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर गया, जो अब तक का सबसे बड़ा मासिक निर्यात है। यह वृद्धि पिछले साल के मुकाबले 92 प्रतिशत अधिक रही, जब नवंबर 2023 में स्मार्टफोन निर्यात का आंकड़ा सिर्फ 10,634...
नेशनल डेस्क. भारत से स्मार्टफोन का निर्यात नवंबर 2024 में 20,000 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर गया, जो अब तक का सबसे बड़ा मासिक निर्यात है। यह वृद्धि पिछले साल के मुकाबले 92 प्रतिशत अधिक रही, जब नवंबर 2023 में स्मार्टफोन निर्यात का आंकड़ा सिर्फ 10,634 करोड़ रुपए था। इस रिकॉर्ड तोड़ निर्यात में प्रमुख योगदान एप्पल और सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियों का रहा।
एप्पल और सैमसंग का योगदान
नवंबर 2024 में एप्पल ने 14,000 करोड़ रुपए के आईफोन निर्यात किए, जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इसने अपने भारतीय वेंडरों के माध्यम से 80% से अधिक आईफोन निर्यात किए। एप्पल का यह कदम उस समय सामने आया है, जब कंपनी ने अपने तीन प्रमुख वेंडरों के द्वारा असेंबल किए गए आईफोन का निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई थी। इसके साथ ही एप्पल ने भारत में असेंबल किए गए आईफोन के उत्पादन मूल्य का बहुत बड़ा हिस्सा वैश्विक बाजार में भेजा है। सैमसंग भी इस निर्यात वृद्धि में अहम भूमिका निभाने वाली दूसरी बड़ी कंपनी रही। हालांकि, एप्पल ने ज्यादा हिस्सा लिया, लेकिन सैमसंग का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा।
स्मार्टफोन PLI योजना का प्रभाव
भारत से स्मार्टफोन निर्यात में इतनी बड़ी वृद्धि स्मार्टफोन उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) के कारण हुई है। इस योजना ने भारत में स्मार्टफोन बनाने और निर्यात करने में कंपनियों को बढ़ावा दिया है। 2019 में स्मार्टफोन भारत के निर्यात के मामले में 23वें स्थान पर था, जबकि आज यह तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। स्मार्टफोन PLI योजना के तहत 2021 से 2024 तक लगभग 5,800 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन वितरित किया गया। इस योजना से उद्योग में 3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और 6 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अधिकतर रोजगार पहली बार काम करने वाली युवा महिलाएं पा रही हैं।
निर्यात में सबसे बड़ा योगदान
भारत में स्मार्टफोन असेंबल करने वाले प्रमुख कारखानों में फॉक्सकॉन का तमिलनाडु कारखाना सबसे आगे रहा, जबकि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का कर्नाटक स्थित कारखाना दूसरे स्थान पर रहा। एप्पल के तीनों प्रमुख वेंडरों में पेगाट्रॉन तीसरे स्थान पर रहा, जो निर्यात में योगदान के लिहाज से सबसे नीचे था। इसके अलावा भारत की स्थानीय कंपनियां और वस्तु व्यापार भी स्मार्टफोन निर्यात में योगदान दे रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात के कुल आंकड़ों में भी शानदार वृद्धि हुई है। 2019 में यह 7वें स्थान पर था। वहीं अब यह तीसरे स्थान पर आ चुका है।
PLI योजना का समग्र प्रभाव
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने अक्टूबर 2024 में PLI योजना की सफलता पर रिपोर्ट दी। इसमें कहा गया कि इस योजना के तहत 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान वस्तु एवं सेवा कर (GST) और शुल्क के रूप में हुआ है। इसके साथ ही इस योजना ने मोबाइल पुर्जों के निर्यात में भी भारी वृद्धि की है, जिससे भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में और मजबूती आई है।