Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Feb, 2025 11:55 AM
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भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर विकसित किया है। यह मिक्सर रॉकेट मोटर निर्माण के लिए ठोस प्रोपेलेंट्स को प्रोसेस करने में उपयोग होगा और भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’...
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर विकसित किया है। यह मिक्सर रॉकेट मोटर निर्माण के लिए ठोस प्रोपेलेंट्स को प्रोसेस करने में उपयोग होगा और भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को नई मजबूती देगा। इस मिक्सर को सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC SHAR), इसरो और सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (CMTI), बेंगलुरु ने मिलकर विकसित किया है।
तकनीकी क्षमताओं में बड़ा कदम
यह 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर अपनी तरह का सबसे बड़ा और उन्नत तकनीक से लैस उपकरण है। इसका वजन लगभग 150 टन है और यह 5.4 मीटर लंबा, 3.3 मीटर चौड़ा और 8.7 मीटर ऊंचा है। यह मिक्सर ठोस प्रोपेलेंट्स के उच्च गुणवत्ता वाले मिश्रण के लिए हाइड्रोस्टैटिक ड्राइवन एगिटेटर्स और PLC-आधारित कंट्रोल सिस्टम से लैस है, जिससे इसे दूरस्थ रूप से SCADA स्टेशनों के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।
ISRO के लिए गेम-चेंजर
ठोस प्रोपेलेंट्स किसी भी रॉकेट मोटर के लिए आवश्यक होते हैं और इनका निर्माण एक संवेदनशील और जटिल प्रक्रिया है। इस नए मिक्सर के साथ, ISRO को ठोस प्रोपेलेंट मिक्सिंग में बेहतर गुणवत्ता, अधिक उत्पादकता और उन्नत क्षमता मिलेगी। यह भारी ठोस मोटरों के निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा और अंतरिक्ष प्रक्षेपण तकनीक को और मजबूत करेगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
इस मिक्सर का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो भारत की तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। इससे न केवल ISRO के अंतरिक्ष अभियानों को मजबूती मिलेगी, बल्कि भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों की श्रेणी में पहुंचाने में मदद मिलेगी।
क्या है इस मिक्सर की खासियत?
✔ दुनिया का सबसे बड़ा मिक्सर – 10-टन क्षमता के साथ अपनी तरह का सबसे बड़ा उपकरण।
✔ उन्नत तकनीक – हाइड्रोस्टैटिक ड्राइवन एगिटेटर्स और PLC-आधारित कंट्रोल सिस्टम।
✔ रिमोट ऑपरेशन – SCADA स्टेशनों से दूरस्थ संचालन की सुविधा।
✔ स्वदेशी निर्माण – भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा पूरी तरह से विकसित।
उद्घाटन और भविष्य की योजनाएं
13 फरवरी को बेंगलुरु में CMTI के निदेशक ने इसे SDSC SHAR के निदेशक को सौंपा। इस मौके पर भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव और ISRO के अध्यक्ष भी मौजूद थे। इस मिक्सर के सफल संचालन से ISRO के भविष्य के मिशनों में नई तेजी आएगी, जिससे भारत की अंतरिक्ष तकनीक और अधिक उन्नत होगी।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में ऐतिहासिक उपलब्धि
यह नया 10-टन वर्टिकल प्लैनेटरी मिक्सर भारत की अंतरिक्ष तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इससे ISRO के मिशनों को और अधिक मजबूती मिलेगी और भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में नया आयाम मिलेगा।