Edited By Tanuja,Updated: 24 Aug, 2024 07:17 PM
भारत ने चीन को टक्कर देने के लिए अफ्रीका से यूरोप तक अपनी डिफेंस पावर का विस्तार किया है। इसी के तहत पोलैंड सहित 10 देशों...
International Desk: भारत ने चीन को टक्कर देने के लिए अफ्रीका से यूरोप तक अपनी डिफेंस पावर का विस्तार किया है। इसी के तहत पोलैंड सहित 10 देशों में भारत ने अपने डिफेंस विंग की शुरुआत की है।हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पोलैंड पहुंचे, तो वहां उनका स्वागत करने वालों में भारतीय सेना के ब्रिगेडियर सतीश त्रिवेदी भी शामिल थे। ब्रिगेडियर त्रिवेदी ने हाल ही में पोलैंड में डिफेंस अताशे (रक्षा अधिकारी) के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली है। यह भारत के लिए खास इसलिए भी है क्योंकि कई सालों बाद पोलैंड में भारत की डिफेंस विंग की फिर से शुरुआत हुई है।
भारत ने हाल के महीनों में 10 नए देशों में डिफेंस विंग स्थापित की है, जहां डिफेंस अताशे तैनात किए गए हैं। इन देशों में अफ्रीका के कई देश शामिल हैं जैसे अल्जीरिया, जिबूती, आइवरी कोस्ट, मोजाम्बिक, इथियोपिया, तंजानिया और अन्य देश जैसे स्पेन, अरमीनिया, और पोलैंड। इन देशों में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। डिफेंस अताशे ऐसे मिलिट्री एक्सपर्ट होते हैं, जो उन देशों में भारतीय दूतावास के साथ काम करते हैं और वहां की रक्षा और सैन्य मामलों में सलाह देते हैं। ये अधिकारी जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज, ट्रेनिंग, और मिलिट्री तकनीक के आदान-प्रदान जैसे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। इससे भारत की डिफेंस डिप्लोमेसी को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलती है और दूसरे देशों के साथ भारत के संबंध बेहतर होते हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, भारत भी अपनी रक्षा रणनीति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। चीन की तरह, भारत भी विभिन्न देशों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है ताकि ये दिखाया जा सके कि भारत भी दूसरे देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहता है। भारत ने इन नई डिफेंस विंग्स के माध्यम से भविष्य में किसी भी संभावित ऑपरेशन के लिए खुद को तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके अलावा, भारत इन देशों को स्वदेशी सैन्य उपकरण, जैसे कि तेजस फाइटर जेट, रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम, एक्सपोर्ट करने की कोशिश भी कर रहा है। इससे न केवल भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी, बल्कि उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा भी मजबूत होगी। भारत की यह नई डिफेंस डिप्लोमेसी न सिर्फ उसकी सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी स्थिति को भी और मजबूती देगी।