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विश्व बैंक की रिपोर्ट: भारत का राजकोषीय घाटा कम होने की संभावना, बढ़ते कर राजस्व से मिली मदद

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Jan, 2025 03:59 PM

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विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम होने की संभावना है और यह वृद्धि कर राजस्व में इजाफे से समर्थित होगी। यह प्रवृत्ति भारत सरकार के राजकोषीय...

नेशनल डेस्क। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम होने की संभावना है और यह वृद्धि कर राजस्व में इजाफे से समर्थित होगी। यह प्रवृत्ति भारत सरकार के राजकोषीय समेकन प्रयासों को मजबूत करने के रूप में देखी जा रही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया के अन्य देशों में राजकोषीय घाटा स्थिर रहने का अनुमान है जबकि भारत अपने सुधारित राजकोषीय स्थिति के कारण अलग दिखाई देता है। पाकिस्तान में उच्च ब्याज भुगतान और बांग्लादेश में बुनियादी ढांचे में निवेश के कारण अन्य देशों में राजकोषीय घाटा स्थिर रह सकता है लेकिन भारत की स्थिति में सुधार हो रहा है।

 

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भारत की स्थिति और दक्षिण एशिया का कर्ज

हालांकि भारत की स्थिति सकारात्मक दिख रही है विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि दक्षिण एशिया के देशों का कर्ज-से-जीडीपी अनुपात ऊंचा रहेगा। धीरे-धीरे इसमें कमी आएगी। उच्च उधारी लागत के कारण कई देशों में कर्ज चुकाने की लागत बनी रहेगी।

मुद्रास्फीति में कमी की संभावना

रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में मुद्रास्फीति में कमी आने की संभावना है क्योंकि विनिमय दरें स्थिर हो रही हैं। भारत, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों में मुद्रास्फीति लक्ष्य सीमा के भीतर या उससे नीचे रहने की उम्मीद है।

 

 

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भारत की जीडीपी वृद्धि और आर्थिक स्थिति

भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025-26 और 2026-27 के लिए 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सेवा क्षेत्र में निरंतर वृद्धि होगी और विनिर्माण गतिविधियां भी सशक्त होंगी जो सरकार की लॉजिस्टिक अवसंरचना और कर नियमों में सुधार की पहलों से प्रेरित हैं।

इसके अलावा निजी खपत में वृद्धि की उम्मीद है और निवेश में मजबूत वृद्धि का अनुमान है जो निजी निवेश मजबूत कॉर्पोरेट बैलेंस शीट और बेहतर वित्तीय परिस्थितियों से समर्थित होगा। ये सभी कारक भारत की आर्थिक लचीलापन को मजबूत करेंगे।

कुल मिलाकर रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और आने वाले वर्षों में जीडीपी वृद्धि दर में भी सुधार होगा। कर्ज की स्थिति पर ध्यान देना होगा लेकिन भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था उसे इस चुनौती से पार पाने में सक्षम बनाएगी।

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