Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Jan, 2025 04:51 PM
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की GDP ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6.4% तक धीमी हो सकती है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8.2% थी। यह गिरावट अर्थव्यवस्था में गतिविधियों के धीमे होने और अगले...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की GDP ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6.4% तक धीमी हो सकती है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8.2% थी। यह गिरावट अर्थव्यवस्था में गतिविधियों के धीमे होने और अगले साल चार वर्षों में सबसे धीमी वृद्धि के संकेत दे रही है।
FY25 के अनुमानित आंकड़े
NSO के मुताबिक, वास्तविक GDP वृद्धि 6.4% रहने का अनुमान है, जबकि नाममात्र GDP में 9.7% का इजाफा हो सकता है। FY24 के लिए 9.6% नाममात्र GDP वृद्धि अनुमानित थी। इन आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक GDP FY25 में 184.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो FY24 में 173.82 लाख करोड़ रुपये था। नाममात्र GDP 9.7% बढ़कर 324.11 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 295.36 लाख करोड़ रुपये था।
सर्विस और निर्माण क्षेत्र में मजबूती
हालांकि समग्र वृद्धि में कमी का अनुमान है, फिर भी कुछ क्षेत्रों में मजबूती का संकेत है। कृषि और संबद्ध गतिविधियां 3.8% की वृद्धि दिखा सकती हैं, जो FY24 में 1.4% थी। निर्माण क्षेत्र 8.6% तक बढ़ सकता है, जबकि वित्त, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 7.3% की वृद्धि का अनुमान है।
निजी और सरकारी खर्च में वृद्धि
निजी उपभोग खर्च (PFCE), जो घरेलू खर्च का महत्वपूर्ण संकेतक है, FY25 में 7.3% बढ़ सकता है, जबकि FY24 में यह 4.0% था। वहीं, सरकारी खर्च (GFCE) में 4.1% की वृद्धि का अनुमान है, जो FY24 में 2.5% था।
सामान्य आर्थिक स्थिति
हालांकि, अर्थव्यवस्था की वृद्धि धीमी हो सकती है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सकारात्मक रुझान बने रहने का अनुमान है, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधि में निरंतरता बनी रह सकती है। इन अनुमानों को ध्यान में रखते हुए, सरकार और रिजर्व बैंक को अपने आर्थिक निर्णयों में सतर्कता बरतनी होगी।