टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत को मिली बड़ी उपलब्धि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया वैश्विक हीरो

Edited By Rahul Rana,Updated: 04 Nov, 2024 04:48 PM

india got a big achievement in the fight against tb

दुनियाभर में ट्यूबरक्लोसिस यानि कि टीबी एक गंभीर समस्या रही है जिससे हर वर्ष लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत भी इस गंभीर स्वास्थ्य के जोखिम से परेशान रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2021 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है।...

नेशनल डेस्क। दुनियाभर में ट्यूबरक्लोसिस यानि कि टीबी एक गंभीर समस्या रही है जिससे हर वर्ष लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत भी इस गंभीर स्वास्थ्य के जोखिम से परेशान रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2021 में टीबी से कुल 1.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है। दुनिया भर में टीबी रोग मौत का 13वां प्रमुख कारण है। 

वहीं भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य बनाया था। भारत तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। टीबी की रोकथाम के लिए भारत के प्रयासों का असर पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों की तुलना से समझा जा सकता है जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की सराहना की है।  


टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला यह संक्रामक रोग है। ये मुख्य रूप से वायुजनित ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। टीबी रोग वाले लोगों की खांसी या छींक से निकलने वाले बूंदों के माध्यम से आसपास के अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा हो सकता है।

टीबी रोगियों में किस तरह के होते हैं लक्षण?

टीबी के रोगाणुओं के फेफड़ों में बढ़ने से टीबी का संक्रमण होता है। प्रारंभिक संक्रमण की स्थिति में अधिकांश लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। कुछ लोगों में फ्लू जैसी समस्या विकसित हो जाती है, जिसके कारण हल्का बुखार, थकान और खांसी होती है। संक्रमण बढ़ने की स्थिति में खांसी के साथ बलगम आने, सांस लेने या खांसने के साथ दर्द होने, बुखार-ठंड लगने, रात में पसीना आने की समस्या देखी जाती रही है। 

हालांकि एक हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिकतर संक्रमितों में अब टीबी का प्रमुख लक्षण, यानी खांसी की समस्या ही नहीं देखी जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को टीबी रोग को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना जरूरी है। बचाव के लिए आवश्यक है कि हमें इस रोग के लेकर सही जानकारी हो।

भारत में टीबी के मामले 

टीबी के मामलों में वर्ष 2015 के बाद भारत की छलांग ऐतिहासिक है। जहां 2015 में देश में एक लाख आबादी पर टीबी के 237 मामले मिल रहे थे, वहीं साल 2023 तक ये घटकर 195 पहुंच गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि ऐसी प्रगति अब तक किसी और देश में देखी नहीं गई है।

टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत बना वैश्विक हीरो

भारत ने टीबी जैसे गंभीर बीमारी पर जीत की लड़ाई में अहम उपलब्धि हासिल की है। WHO ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है और टीबी संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत को वैश्विक हीरो बताया है। भारत में टीबी के मामलों में तेजी से आ रही गिरावट को लेकर स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के बाकि देशों को भारत से सीख लेने को कहा है। 

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