वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है - डॉ. विक्टोरिया पनोवा

Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Nov, 2024 03:44 PM

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ब्रिक्स विशेषज्ञ डॉ. विक्टोरिया पैनोवा ने भू-राजनीतिक बदलावों के बीच रूस की सफल ब्रिक्स अध्यक्षता पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक शासन सुधार और इसके गैर-टकरावपूर्ण दृष्टिकोण पर ब्रिक्स के फोकस पर जोर दिया। पैनोवा भारत को वैश्विक व्यवस्था में एक...

इंटरनेशनल डेस्क। ब्रिक्स विशेषज्ञ डॉ. विक्टोरिया पैनोवा ने भू-राजनीतिक बदलावों के बीच रूस की सफल ब्रिक्स अध्यक्षता पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक शासन सुधार और इसके गैर-टकरावपूर्ण दृष्टिकोण पर ब्रिक्स के फोकस पर जोर दिया। पैनोवा भारत को वैश्विक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में देखती हैं, जो ब्रिक्स के भीतर अपनी आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का लाभ उठा रहा है।

भारत का वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान

डॉ. विक्टोरिया पनोवा ने कहा, वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है। यह जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को हल करने, विश्व के बहुमत (या वैश्विक दक्षिण) की चिंताओं को उठाने और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास करता है। आज भारत बेहतर स्थिति में है। इसमें कूटनीति और सॉफ्ट पावर के अलावा आर्थिक और सैन्य क्षमता भी है, रूस के एचएसई विश्वविद्यालय के वाइस रेक्टर और ब्रिक विशेषज्ञ परिषद के प्रमुख डॉ विक्टोरिया पनोवा ने कज़ान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि में ईटी के दीपांजन रॉय चौधरी को बताया।

यह बयान डॉ. विक्टोरिया पनोवा, जो रूस के एचएसई विश्वविद्यालय के वाइस रेक्टर और ब्रिक्स विशेषज्ञ परिषद के प्रमुख हैं, ने दिया। यह बयान उन्होंने कज़ान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि में ईटी के दीपांजन रॉय चौधरी से एक बातचीत में दिया।

भारत का वैश्विक योगदान

भारत आज के समय में वैश्विक दृष्टिकोण में अपनी भूमिका को लेकर एक मजबूत स्थिति में है। डॉ. पनोवा ने यह बताया कि भारत ने अपने वैश्विक कद को बढ़ाने के लिए न केवल अपनी आर्थिक ताकत को मजबूत किया है, बल्कि सैन्य क्षेत्र में भी अपनी क्षमता को विकसित किया है। इसके अलावा, भारत की कूटनीतिक ताकत और सॉफ्ट पावर भी इसे एक प्रभावी वैश्विक शक्ति बनाते हैं।

जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण

भारत ने जलवायु परिवर्तन के समाधान की दिशा में भी अपनी भूमिका को अहम माना है। डॉ. पनोवा के अनुसार, भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में वैश्विक स्तर पर सक्रिय भागीदार है और यह वैश्विक दक्षिण के देशों की आवाज़ को भी उठा रहा है। वैश्विक दक्षिण, यानी विकासशील देशों की चिंताओं और मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जगह देने का काम भी भारत करता है।

बहुपक्षवाद को बढ़ावा

भारत ने बहुपक्षवाद को भी अपने कूटनीतिक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है। डॉ. पनोवा ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर बहुपक्षीय संवाद को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। यह वैश्विक मंचों पर संवाद और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देता है, जिससे वैश्विक समस्याओं का सामूहिक समाधान निकाला जा सके।

भारत की स्थिति

आज भारत पहले से कहीं अधिक मजबूत और प्रभावी स्थिति में है। डॉ. पनोवा ने कहा कि भारत में अब सिर्फ आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि सैन्य शक्ति और कूटनीतिक व सॉफ्ट पावर का भी बेहतरीन संतुलन देखने को मिल रहा है, जो उसे वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।

इससे साफ है कि भारत, वैश्विक परिप्रेक्ष्य में न केवल एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह सांस्कृतिक, कूटनीतिक और राजनैतिक रूप से भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है।

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