Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Apr, 2025 03:06 PM
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कई कदम उठा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि भारत 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा निर्माता बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका यह...
नेशनल डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कई कदम उठा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि भारत 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा निर्माता बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका यह भी कहना है कि ईवी क्षेत्र में भारत का भविष्य बहुत उज्जवल है।
गडकरी ने बताया, "जब हमारी सरकार 2014 में सत्ता में आई थी तो मैंने इलेक्ट्रिक वाहनों पर बात की थी। उस वक्त कोई इस विचार पर विश्वास नहीं करता था लेकिन आज यह एक सच्चाई बन चुका है।"
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मंत्री के अनुसार, "जब हमारी सरकार ने कार्यभार संभाला था तब भारतीय मोटर वाहन उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ रुपये था। अब यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और हम जापान को पीछे छोड़कर, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार बन गए हैं।"
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता में हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है और यह वृद्धि लगातार जारी है। सरकार की नीतियों और बुनियादी ढांचे के सुधारों ने इस वृद्धि को और तेज किया है। बैटरी चालित वाहनों की बिक्री में तेजी आई है और 2023 में यह आंकड़ा 1.52 मिलियन तक पहुंच गया जो पिछले साल की तुलना में 49.25 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
ईवी क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के तहत बेहतर उत्पाद उपलब्धता और बेहतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी इस बदलाव में अहम भूमिका निभाई है। मंत्रालय ने कहा कि 2030 तक भारत की योजना ईवी निर्माण में एक प्रमुख स्थान पर होने की है जिससे पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत में भी मदद मिलेगी।