Edited By Tanuja,Updated: 04 Jan, 2025 07:58 PM
मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील हाल ही में तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की,...
International Desk: मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील हाल ही में तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की, जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। इस बैठक में आर्थिक, समुद्री सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा पर भी हस्ताक्षर किए गए।
भारत और मालदीव के रिश्ते पहले कुछ समय तक तनावपूर्ण रहे थे, लेकिन अब दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार देखा जा रहा है। इस संबंध में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा कि "भारत हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा है।"
उन्होंने भारत की मदद का आभार व्यक्त करते हुए इस बात को सामने लाया कि भारतीय सरकार ने मालदीव के विकास और सुरक्षा के लिए हमेशा अपना समर्थन दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस मौके पर कहा कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा है और यह देश भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जयशंकर ने कहा, "हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को बढ़ाया है और भारत की प्राथमिकता हमेशा मालदीव और अन्य पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना है।" बैठक के दौरान, भारत और मालदीव ने सीमा पार व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक रूपरेखा पर सहमति जताई। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को और बढ़ावा देना और मुद्रा विनिमय में आसानी लाना है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और गहरा किया जा सके।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने अक्टूबर 2024 में भारत का दौरा किया था, जिसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में स्पष्ट रूप से सुधार आया है। इस दौरे के दौरान मुइज्जु ने भारत के प्रति अपने आभार का इज़हार किया और भारत की मदद के लिए धन्यवाद दिया। भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर की सहायता की समय सीमा बढ़ाई थी, जिसका मुइज्जु ने स्वागत किया और भारत को "सच्चा दोस्त" बताया। भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंध अब कई प्रमुख क्षेत्रों में विस्तारित हो रहे हैं। ये क्षेत्र व्यापार, निवेश, समुद्री सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग समुद्री सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि मालदीव हिंद महासागर में स्थित एक महत्वपूर्ण सामरिक स्थान है।
दोनों देशों के बीच सहयोग से समुद्री मार्गों की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई को बढ़ावा मिलेगा। भारत और मालदीव के रिश्तों में सुधार और साझेदारी का यह नया दौर दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा। यह केवल आर्थिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जनसांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। भारत ने मालदीव को विभिन्न विकास परियोजनाओं में सहायता दी है, जैसे कि बुनियादी ढांचे का विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को समर्थन देना।