Edited By Parveen Kumar,Updated: 19 Jan, 2025 09:59 PM
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लचीले बुनियादी ढांचे के बूते भारत आपदाओं के दौरान 'शून्य हताहत' लक्ष्य को अपनाकर इस क्षेत्र में विश्वभर में अगुआ के रूप में उभरा है।
नेशनल डेस्क : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लचीले बुनियादी ढांचे के बूते भारत आपदाओं के दौरान 'शून्य हताहत' लक्ष्य को अपनाकर इस क्षेत्र में विश्वभर में अगुआ के रूप में उभरा है। शाह ने आंध्र प्रदेश के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र ने केवल छह महीनों में राज्य के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के दक्षिणी परिसर और विजयवाड़ा के पास राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 10वीं बटालियन परिसर का उद्घाटन करने के बाद कृष्णा जिले के कोंडापवुलुरू में एनडीआरएफ के 20वें स्थापना दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। शाह ने लगभग 220 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं, एनडीआरएफ द्वारा एनडीएमए की नीतियों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन ने भारत को आपदा प्रबंधन में एक वैश्विक अगुआ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने सीडीआरआई की स्थापना करके आपदा-रोधी बुनियादी ढांचे में पूरी दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाई है।'' उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दृष्टिकोण, कार्यप्रणाली और उद्देश्य में बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम किया है। शाह ने कहा कि पहले आपदा के प्रति दृष्टिकोण राहत-केंद्रित था, लेकिन अब ‘बचाव-केंद्रित' दृष्टिकोण है, ताकि लोगों को आपदा से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण में यह 360 डिग्री बदलाव 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अमल में आया।
शाह ने कहा कि पिछले छह वर्षों में गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने कई आपदाओं के दौरान क्षेत्र का दौरा किया और पाया कि एनडीआरएफ कर्मियों को देखकर लोगों ने विश्वास व्यक्त किया कि वे अब सुरक्षित हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पहले ओडिशा में एक चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और अब पिछले दो वर्षों में दो चक्रवात आए, लेकिन कोई भी हताहत नहीं हुआ, अर्थात देश ने ‘शून्य हताहत' का लक्ष्य हासिल कर लिया है। शाह ने कहा कि नेपाल, इंडोनेशिया, तुर्किये, म्यांमा, वियतनाम और अन्य देशों में एनडीआरएफ के प्रयासों को संबंधित देशों के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा व्यापक रूप से मान्यता और सराहना मिली है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत 61,000 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि 12वें वित्त आयोग के अंतर्गत इस मद में 12,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन' (सीडीआरआई) की स्थापना की और आज 48 देश इसके सदस्य के रूप में सीडीआरआई के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हुडको और विश्व बैंक के माध्यम से अमरावती के विकास के लिए 27,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। शाह ने युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की पिछली सरकार पर कटाक्ष करते हुए आंध्र प्रदेश के लोगों से कहा कि वे ‘बर्बाद' हुए पांच वर्ष पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायडू और प्रधानमंत्री मोदी राज्य के विकास के लिए नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर तेजी से प्रयास करते हुए मिलकर काम करेंगे।
गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी-नीत सरकार आंध्र प्रदेश के विकास के लिए चंद्रबाबू नायडू के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।'' शाह ने एनडीआरएफ के बारे में कहा कि आज भारत आपदा प्रबंधन के मामले में विश्व स्तर पर अगुआ के रूप में उभरा है और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में देश दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। एनडीआरएफ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान काम करता है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ‘मानव निर्मित' संकटों के दौरान लोगों की सेवा करने के लिए आगे आता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत के बाद राजग 2025 की शुरुआत में दिल्ली में भी सरकार बनाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के पूरी तरह से आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में आने तक केंद्र से निरंतर समर्थन सुनिश्चित करने की गृहमंत्री से अपील की।