UNGA अध्यक्ष ने की "Digital India" की तारीफ, भारत ने स्मार्टफोन से 80 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला

Edited By Tanuja,Updated: 03 Aug, 2024 04:46 PM

india lifted 800 million out of poverty simply by smartphone unga president

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत ने डिजिटलीकरण के माध्यम से करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला...

International News: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत ने डिजिटलीकरण के माध्यम से करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि कई गांवों में पहले बैंक की सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन अब हर कोई स्मार्टफोन की मदद से बिलों का भुगतान कर रहा है। डेनिस फ्रांसिस ने कहा, "डिजिटलीकरण एक देश के तेजी से विकास का आधार है। भारत का मामला लें, जहां पिछले पांच से छह वर्षों में सिर्फ स्मार्टफोन के उपयोग से 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफलता मिली है।" उन्होंने आगे कहा कि भारत में इंटरनेट की पहुंच अब उच्च स्तर पर है और लगभग हर किसी के पास मोबाइल फोन है।

 

डिजिटल परिवर्तन का प्रभाव
साल 2009 में भारत में केवल 17 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते थे, 15 प्रतिशत ने डिजिटल भुगतान का उपयोग किया था, 25 में से एक के पास एक विशिष्ट पहचान पत्र था और लगभग 37 प्रतिशत के पास मोबाइल फोन थे। अब, एक अरब से अधिक लोगों के पास डिजिटल पहचान पत्र हैं और 80 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास बैंक खाते हैं। 2022 तक, प्रति माह 600 करोड़ से अधिक डिजिटल माध्यम से लेनदेन किए गए थे।

 

मोदी सरकार का डिजिटलीकरण पर जोर
भारत के ग्रामीण किसान, जिनका बैंकिंग प्रणाली से कभी कोई संबंध नहीं था, वे अब अपना पूरा व्यापार स्मार्टफोन पर कर रहे हैं। वे अपने बिलों का भुगतान स्मार्टफोन से कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य फोकस डिजिटलीकरण रहा है। 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद डिजिटल भुगतान लेनदेन में तेजी से वृद्धि हुई, जिसमें यूपीआई की अहम भूमिका रही। आज भी भारत में लोग 10 रुपये के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

डिजिटल इंडिया की शुरुआत
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य देश के हर कोने में डिजिटल सुविधाओं को पहुंचाना था। इस अभियान का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं और सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया गया, जिससे सरकारी सेवाओं की पहुंच और पारदर्शिता में वृद्धि हुई। इससे न केवल सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार हुआ, बल्कि नागरिकों को भी विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी हुई।

 

डिजिटल इंडिया के फायदे
डिजिटलीकरण ने न केवल बैंकिंग और भुगतान प्रणालियों में सुधार किया है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। डिजिटल शिक्षा ने छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स तक पहुंचने की सुविधा दी है। स्वास्थ्य सेवाओं में टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श की सुविधा बढ़ी है। किसानों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने फसल की जानकारी, बाजार भाव, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों तक पहुंच को आसान बना दिया है।डिजिटल इंडिया अभियान ने भारत को डिजिटल युग में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  

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