Edited By Tanuja,Updated: 05 May, 2024 04:27 PM

मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू ने बीते साल राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद चीन के साथ मजबूत संबंध और भारत से दूरी रखने की रणनीति अपनाई है। मुइज्जू के लिए राष्ट्रपति बनने के बाद से ...
इंटरनेशनल डेस्क: मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू ने बीते साल राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद चीन के साथ मजबूत संबंध और भारत से दूरी रखने की रणनीति अपनाई है। मुइज्जू के लिए राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारतीय सैन्य सैनिकों को अपने देश से हटाना एक अहम मुद्दा रहा है।मालदीव ने भारत से क 10 मई तक माले में तैनात अपने सैन्यकर्मियों की वापस बुलाने की डैडलाइन दी है। इससे पहले भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की चौथी बैठक शुक्रवार को दिल्ली में हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। दरअसल, भारत ने पिछले दो महीनों में मालदीव से सैन्यकर्मियों के दो बैच वापस बुला लिए हैं और उनकी जगह नागरिक विशेषज्ञों को तैनात किया है।
बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया है कि दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग, विकास सहयोग परियोजनाएं, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के प्रयासों पर बात की गई। साथ ही दोनों पक्षों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए चल रहे प्रयासों की भी समीक्षा की। इस दौरान खासतौर से माले से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर बात की गई। मालदीव ने भारत सरकार से कहा है कि वह 10 मई तक माले में तैनात अपने सैन्यकर्मियों की वापस बुला ले।
मालदीव की ओर से दी गई इस डेडलाइन के करीब आने के साथ ही बैठक में सैन्यकर्मियों की वापसी प्रक्रिया की समीक्षा की गई। चिकित्सा निकासी और मानवीय राहत कार्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन विमानों को संचालित करने के लिए पायलटों सहित 80 से अधिक भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव में तैनात किया गया था। मालदीव के आग्रह के बाद भारत अपने सैन्यकर्मियों को पास बुला रहा है। मालदीव के विदेश मंत्रालय के एक बयान में संकेत दिया गया है कि भारत सरकार 10 मई तक अपने सैन्यकर्मियों की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।