भारत को साइबर युद्ध और आतंक से निपटने के लिए तैयार रहना होगा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Nov, 2024 07:43 PM

india must be prepared deal with cyber war terrorism president murmu

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत को तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं।

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत को तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्यों की गहरी समझ विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया क्योंकि भू-राजनीतिक गतिशीलता ने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है।

नीलगिरी जिले के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन का मुद्दा एक नया आयाम प्राप्त कर रहा है, जिसे समझने और प्रबंधित करने की आवश्यकता है। नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक को लागू करने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि हमारे सशस्त्र कार्मिक अधिकारी भविष्य की चुनौतियों का सामना करेंगे।'' मुर्मू ने कहा, ‘‘तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में हमें किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहना होगा।''

साइबर युद्ध-आतंकवाद से निपटने के लिए तैयार रहना होगा- राष्ट्रपति 
उन्होंने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक गतिशीलता ने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है और राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्थितियों की गहरी समझ विकसित करने की आवश्यकता है। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है।'' मुर्मू ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश की भूमिका को स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि देश सशस्त्र बलों की जरूरतों और चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और यह एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और रक्षा निर्यातक बनने की ओर बढ़ रहा है।

राष्ट्रपति ने वेलिंगटन स्थित डीएसएससी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सशस्त्र बलों के संकाय सदस्यों और प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का रक्षा उद्योग तेजी से नवीनतम तकनीक को अपना रहा है और (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के) आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप आगे बढ़ रहा है।'' उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा कंपनियों ने एक नया मानक स्थापित किया है और उन कंपनियों के माध्यम से देश ने सौ से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात किए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है और ‘मेक इन इंडिया' कार्यक्रम ने इस विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है।

महिला अधिकारियों की तैनाती पर प्रसन्नता व्यक्त की
मुर्मू ने सशस्त्र बलों समेत प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के छाप छोड़ने पर गर्व जताया और दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी महिला अधिकारियों की तैनाती पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि महिला अधिकारी अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका सभी के लिए, विशेषकर युवतियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है।

उन्होंने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जताई, जहां वे असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकती हैं और नए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं। मुर्मू ने गोवा में अपने ‘डे एट सी' कार्यक्रम के दौरान आईएनएस विक्रांत के अपने दौरे का अनुभव साझा किया, जहां उन्होंने युवा और ऊर्जावान महिला अग्निवीरों से मुलाकात की। कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री मेय्यानाथन ने भी भाग लिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों को मद्रास रेजिमेंट युद्ध स्मारक, वेलिंगटन में श्रद्धांजलि भी दी।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!