Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Jan, 2025 04:59 PM
भारत ने चीन द्वारा स्थापित की गई दो नई काउंटियों पर सख्त आपत्ति जताई है, जिनमें से कुछ हिस्से भारत के लद्दाख क्षेत्र में आते हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि चीन के इस कदम को लेकर राजनयिक चैनलों के माध्यम से औपचारिक विरोध दर्ज कराया गया है।
नेशनल डेस्क: भारत ने चीन द्वारा स्थापित की गई दो नई काउंटियों पर सख्त आपत्ति जताई है, जिनमें से कुछ हिस्से भारत के लद्दाख क्षेत्र में आते हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि चीन के इस कदम को लेकर राजनयिक चैनलों के माध्यम से औपचारिक विरोध दर्ज कराया गया है।
क्या है मामला?
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने 27 दिसंबर को बताया कि उत्तर पश्चिमी चीन के शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र ने दो नई काउंटियों - हे'आन और हेकांग - के गठन की घोषणा की है। ये काउंटियां होटन प्रिफेक्चर के अंतर्गत आएंगी। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति और राज्य परिषद ने इन काउंटियों को मंजूरी दी है। हे'आन काउंटी का मुख्यालय होंग्लियु टाउनशिप में और हेकांग काउंटी का मुख्यालय शियडुला टाउनशिप में होगा।
भारत की प्रतिक्रिया
MEA के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, "हमने चीन के इस कदम पर ध्यान दिया है। इन तथाकथित काउंटियों के कुछ हिस्से भारत के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में आते हैं। भारत ने कभी भी इस क्षेत्र में चीनी कब्जे को स्वीकार नहीं किया है।" उन्होंने आगे कहा, "इन नई काउंटियों का गठन भारत की संप्रभुता पर हमारी दीर्घकालिक और स्पष्ट स्थिति को प्रभावित नहीं करेगा। यह चीन के अवैध और बलपूर्वक कब्जे को वैधता नहीं देता।"
ब्रह्मपुत्र पर डैम को लेकर चिंता
भारत ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर भी अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। MEA ने कहा कि इस मुद्दे पर भी चीन के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया गया है। भारत ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए चीन के इन कदमों का पुरजोर विरोध किया है।