चीन-अमेरिका की Tech War का भारत को मिला फायदा, 2023 में 45 महत्वपूर्ण तकनीकों में  बनाई खास जगह

Edited By Tanuja,Updated: 07 Sep, 2024 04:30 PM

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चीन-अमेरिका की Tech War का फायदा  भारत को मिला है यही वजह कि  भारत ने  2023 में 45 महत्वपूर्ण तकनीकों में  खास बना ली है...

International Desk:  चीन-अमेरिका की Tech War का फायदा  भारत को मिला है यही वजह कि  भारत ने  2023 में 45 महत्वपूर्ण तकनीकों में  खास बना ली है।  ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ASPI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत 64 महत्वपूर्ण तकनीकों में से 45 में शीर्ष पांच देशों में शामिल हुआ है, जो पिछले साल 2022 में 37 तकनीकों से अधिक है। ASPI, जो एक कैनबरा स्थित रक्षा और रणनीतिक नीति थिंक टैंक है, ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि भारत ने सात तकनीकों में दूसरा स्थान हासिल किया है और 2023 में जैविक निर्माण और वितरित लेजर तकनीक (Distributed Ledger Technology) के उभरते क्षेत्रों में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।

 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में भी भारत अब अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है, जिसमें उन्नत डेटा एनालिटिक्स, AI एल्गोरिदम, हार्डवेयर एक्सेलेरेटर, मशीन लर्निंग, इंटीग्रेटेड सर्किट डिज़ाइन और फैब्रिकेशन, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, और एडवर्सेरियल AI शामिल हैं। ASPI की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में अनुसंधान नेतृत्व बड़े इंडो-पैसिफिक देशों की ओर स्थानांतरित हो रहा है, जिसमें भारत एक प्रमुख विज्ञान और तकनीकी शक्ति के रूप में उभर रहा है।

 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019-2023 के दौरान, अमेरिका केवल 7 तकनीकों में आगे रहा, जबकि चीन 57 तकनीकों में पहले स्थान पर है। हालांकि, भारत की स्थिति काफी मजबूत है और उसने जैविक निर्माण और वितरित लेजर जैसी तकनीकों में अमेरिका को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया है।हालांकि भारत अभी भी 64 तकनीकों में से किसी में अग्रणी नहीं है, लेकिन उसने जैव ईंधन और उन्नत मशीनिंग प्रक्रियाओं जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

 

रिपोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि भारत के शीर्ष संस्थान अभी भी वैश्विक शीर्ष 5 में नहीं हैं, जिससे यह पता चलता है कि देश में तकनीकी विशेषज्ञता अभी भी बिखरी हुई है।ASPI की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले कुछ वर्षों में जैव ईंधन के प्रकाशन दर में चीन को पीछे छोड़ सकता है, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा, क्योंकि यह एकमात्र तकनीक होगी जिसमें अमेरिका या चीन अग्रणी नहीं होंगे।

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