Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Jan, 2025 09:01 PM
भारत साइबर हमलों के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। साइबर इंटेलिजेंस फर्म क्लाउडएसईके ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। क्लाउडएसईके की डार्क वेब में डेटा निगरानी के आधार पर तैयार यह रिपोर्ट कहती है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत की...
नई दिल्ली: भारत साइबर हमलों के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। साइबर इंटेलिजेंस फर्म क्लाउडएसईके ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। क्लाउडएसईके की डार्क वेब में डेटा निगरानी के आधार पर तैयार यह रिपोर्ट कहती है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत की 95 संस्थाएं डेटा चोरी के हमलों की चपेट में आईं। इसके साथ भारत साइबर हमलों का शिकार होने वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अपने आर्थिक प्रभुत्व और डिजिटल ढांचे की वजह से 140 हमलों के साथ सबसे ज़्यादा लक्षित देश था। वहीं इजराइल 57 साइबर हमलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। रिपोर्ट कहती है, ‘‘खतरा पैदा करने वाले तत्वों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिसमें वित्त और बैंकिंग क्षेत्र में सबसे अधिक 20 शिकार हुए। इसके बाद सरकारी क्षेत्र में 13, दूरसंचार में 12, स्वास्थ्य सेवा एवं औषधि और शिक्षा क्षेत्र में क्रमशः 10 और नौ इकाइयां चपेट में आईं।''
साइबर हमले की प्रमुख घटनाओं में हाई-टेक ग्रुप से भारतीय नागरिकों के 85 करोड़ डेटा, स्टार हेल्थ और अलाइड इंश्योरेंस ग्राहकों के डेटा, टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया से डेटा लीक होना शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में रैनसमवेयर हमले की 108 घटनाएं सामने आईं। सबसे सक्रिय रैनसमवेयर समूह लॉकबिट ने 20 से अधिक हमले किए जबकि किलसेक ने 15 से अधिक और रैनसमहब ने 12 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया।