Edited By Tanuja,Updated: 11 Dec, 2024 04:13 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) ने मंगलवार को मॉस्को (Moscow) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के साथ बैठक में कहा कि भारत-रूस की मित्रता...
International Desk: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) ने मंगलवार को मॉस्को (Moscow) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के साथ बैठक में कहा कि भारत-रूस की मित्रता (India Russia friendship) ‘‘सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है।'' बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और मिलकर किए जाने वाले प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के साथ ‘सैन्य एवं सैन्य सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग' के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के बाद पुतिन से मुलाकात की।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘हमारे देशों के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है'।'' सिंह ने पुतिन से कहा कि भारत अपने रूसी मित्रों के साथ हमेशा खड़ा रहा है और वह भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्री ने ‘एक्स' पर लिखा कि मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके खुशी हुई। सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को रूस रवाना हुए थे। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मॉस्को की यात्रा करने और पुतिन के साथ शिखर वार्ता करने के पांच महीने बाद रूस की यात्रा की है।
शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत-रूस रक्षा और सैन्य संबंधों को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। मोदी ने वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अक्टूबर में भी रूस की यात्रा की थी। राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करने के लिए अगले साल भारत आने वाले हैं। सिंह ने मंगलवार को बेलौसोव के साथ व्यापक वार्ता के दौरान, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘एस-400 ट्रायम्फ' की दो शेष इकाइयों की आपूर्ति में तेजी लाने का रूस पर दबाव बनाया। रूस के रक्षामंत्री के साथ बैठक में सिंह ने विभिन्न सैन्य ‘हार्डवेयर' (टैंक, विमान, मिसाइल आदि) के संयुक्त उत्पादन में रूसी रक्षा उद्योगों के लिए भारत में नये अवसरों का उल्लेख किया और कहा कि भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हैं तथा इसने एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने देश के घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमताओं को सभी क्षेत्रों और औद्योगिक सहयोग में विस्तारित करने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की दो शेष इकाइयों की शीघ्र आपूर्ति किये जाने की जोरदार हिमायत की। रूस ने मिसाइल प्रणालियों की पहली तीन रेजिमेंट की आपूर्ति पूरी कर ली है। यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर शेष इकाइयों की आपूर्ति में देरी हुई है। सिंह ने भारत में मिसाइल प्रणालियों के रखरखाव और संबंधित सेवाओं को पूरा करने का भी आह्वान किया।
वहीं, रूसी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर आधारित संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर जोर दिया। उन्होंने आईएनएस तुशील के जलावतरण पर भी सिंह को बधाई दी। रूस निर्मित युद्धपोत को सोमवार को सिंह की मौजूदगी में तटीय शहर कालिनिनग्राद में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि 2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के संचालन से 'मेक इन इंडिया' को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।'' सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सोवियत संघ के सैनिकों की याद में मास्को में स्थित ‘अज्ञात सैनिक की समाधि' पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।