Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Nov, 2024 01:47 PM
एचएसबीसी के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार नवंबर 2024 में भारत की व्यावसायिक गतिविधि 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण सेवा क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी है। सर्वे में यह भी सामने आया कि भारत की...
नेशनल डेस्क। एचएसबीसी के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार नवंबर 2024 में भारत की व्यावसायिक गतिविधि 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण सेवा क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी है। सर्वे में यह भी सामने आया कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विस्तार की दिशा में है और अगले वर्ष के लिए व्यावसायिक दृष्टिकोण भी सुधार की ओर बढ़ रहा है।
भारत की आर्थिक गतिविधि का विस्तार जारी
एचएसबीसी के फ्लैश इंडिया कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में यह 59.5 तक पहुंच गया जो अक्टूबर के 59.1 के मुकाबले अधिक था। PMI 50 के ऊपर होने का मतलब है कि अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है। इस सूचकांक के अनुसार भारत की आर्थिक गतिविधि में लगातार विस्तार हो रहा है जो आगामी समय के लिए सकारात्मक संकेत है।
सेवा क्षेत्र में वृद्धि
सर्वे के अनुसार सेवा क्षेत्र में नवंबर में 59.2 का पीएमआई दर्ज किया गया जो अगस्त के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र में भी हल्की वृद्धि दर्ज की गई हालांकि इसके गति में थोड़ी कमी आई। विनिर्माण पीएमआई 57.3 पर था, जो अक्टूबर में 57.5 था।
सेवा क्षेत्र में बिक्री में वृद्धि
सेवा क्षेत्र में बढ़ी हुई बिक्री के कारण कुल घरेलू मांग में इजाफा हुआ। इसका असर विनिर्माण क्षेत्र पर भी पड़ा, जहां मांग में कुछ कमी थी। साथ ही निर्यात की मांग में भी वृद्धि देखी गई। सेवा क्षेत्र के लिए विदेशी मांग नवंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
नौकरी सृजन में रिकॉर्ड वृद्धि
सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि दिसंबर 2005 में शुरू होने के बाद से रोजगार सृजन की गति सबसे तेज़ रही है। इसका मतलब है कि भारतीय कंपनियां नौकरियों के सृजन में तेजी ला रही हैं जो आर्थिक स्वास्थ्य और उपभोक्ता खर्च के लिहाज से सकारात्मक संकेतक है।
निर्यात का भविष्य उज्जवल
हालांकि, मुद्रास्फीति (महंगाई) कुछ चिंता का कारण बनी है लेकिन इसके बावजूद भारत का निर्यात सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है। एचएसबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का वैश्विक निर्यात निरंतर बढ़ रहा है और भारत की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। विशेषकर भारत के पेट्रोलियम उत्पादों का वैश्विक बाजार में 13% हिस्सा है जो देश की बढ़ती शोधन क्षमता और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन क्षमता को दर्शाता है।
शहरीकरण और उपभोक्ता मांग में वृद्धि
भारत में शहरीकरण भी तेजी से बढ़ रहा है। एचएसबीसी के सर्वेक्षण के अनुसार शहरी आबादी लगातार बढ़ रही है जिससे शहरी मांग में भी वृद्धि हो रही है। इसके अलावा ई-टू-व्हीलर्स और लक्जरी कारों के सेगमेंट में भी बढ़ोतरी देखी गई है। 2025 तक भारत की आधी आबादी 100,000 से अधिक आबादी वाले शहरों में रहने की उम्मीद है जिससे शहरी बाजार में और भी तेजी आएगी।