Edited By Rahul Singh,Updated: 31 Dec, 2024 07:25 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि भारत का रक्षा निर्यात एक दशक पहले के 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर रिकॉर्ड 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि भारत का रक्षा निर्यात एक दशक पहले के 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर रिकॉर्ड 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। उन्होंने 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
महू छावनी में संबोधन
मध्य प्रदेश की महू छावनी स्थित आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) में अधिकारियों को संबोधित करते हुए, सिंह ने उभरती तकनीकों के साथ कदम मिलाने और सीमांत प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सैन्य प्रशिक्षण केंद्र भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सैनिकों को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
रक्षा निर्यात में बढ़ोतरी
रक्षा मंत्री ने कहा, "हमारा रक्षा निर्यात, जो एक दशक पहले 2,000 करोड़ रुपये था, आज 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। हमने 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।" उन्होंने बताया कि भारत में निर्मित उपकरण कई देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।
युद्ध तकनीकों में बदलाव और तैयारियां
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में सूचना युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित युद्ध, साइबर हमले, विद्युत-चुंबकीय युद्ध और अंतरिक्ष युद्ध जैसी चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन खतरों का सामना करने के लिए सेना को अत्याधुनिक प्रशिक्षण और उपकरणों से लैस करना आवश्यक है।
प्रशिक्षण केंद्रों की भूमिका
रक्षा मंत्री ने महू स्थित प्रशिक्षण केंद्रों की प्रशंसा की और कहा कि ये केंद्र लगातार अपने पाठ्यक्रमों को अपडेट कर कर्मियों को हर चुनौती के लिए तैयार कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी सरकार तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण और संयुक्तता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम
रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में अधिकारी रक्षा अताशे के रूप में कार्य करेंगे और उन्हें वैश्विक स्तर पर भारत के राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने का प्रयास करना होगा। उन्होनें आगे कहा, "आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकता है और वैश्विक मंच पर सम्मान प्राप्त कर सकता है।"
अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का तालमेल
राजनाथ सिंह ने कहा कि मजबूत सुरक्षा व्यवस्था और आर्थिक समृद्धि एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने सीमाओं की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में सेना की भूमिका की सराहना की।
AWC का योगदान
लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही ने रक्षा मंत्री को संस्थान की भूमिका और महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्हें बहु-क्षेत्रीय अभियानों, AI और संचार तकनीक के समावेश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मित्र देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में केंद्र की उपलब्धियों से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।