2050 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी दोगुनी होने की संभावना: UNFPA रिपोर्ट

Edited By Harman Kaur,Updated: 21 Jul, 2024 12:29 PM

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संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारत इकाई ‘UNFPA-India' की प्रमुख एंड्रिया वोजनार ने कहा है कि भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक दोगुनी हो जाने की संभावना है। देश में खासकर उन बुजुर्ग महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन में अधिक निवेश किए जाने...

नेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारत इकाई ‘UNFPA-India' की प्रमुख एंड्रिया वोजनार ने कहा है कि भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक दोगुनी हो जाने की संभावना है। देश में खासकर उन बुजुर्ग महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन में अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है, जिनके ‘‘अकेले रह जाने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।''

बता दें कि ‘यूएनएफपीए-इंडिया' की ‘रेजिडेंट' प्रतिनिधि वोजनार ने विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) के कुछ दिनों बाद ‘पीटीआई-भाषा' से एक साक्षात्कार में जनसंख्या के उन प्रमुख रुझानों को रेखांकित किया, जिन्हें भारत सतत विकास में तेजी लाने के लिए प्राथमिकता दे रहा है। इनमें युवा आबादी, वृद्ध जनसंख्या, शहरीकरण, प्रवासन और जलवायु के अनुसार बदलाव करना शामिल हैं। ये कारक सभी देश के लिए अनूठी चुनौतियां और अवसर पेश करते हैं।

'बुजुर्गों की आबादी 2050 तक दोगुनी होकर 34 करोड़ 60 लाख...'
वोजनार ने कहा कि 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या 2050 तक दोगुनी होकर 34 करोड़ 60 लाख हो जाने का अनुमान है, इसलिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘...खासकर वृद्ध महिलाओं के लिए ऐसा करना आवश्यक है, जिनके अकेले रहने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।'' ‘यूएनएफपीए-इंडिया' प्रमुख ने कहा कि भारत में युवा आबादी काफी है और 10 से 19 वर्ष की आयु के 25 करोड़ 20 लाख लोग हैं। उन्होंने जिक्र किया कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी के लिए प्रशिक्षण और रोजगार सृजन में निवेश करने से इस जनसांख्यिकीय क्षमता को भुनाया जा सकता है और देश को सतत प्रगति की ओर अग्रसर किया जा सकता है।

भारत में 2050 तक 50 प्रतिशत शहरी आबादी होने का अनुमान: वोजनार
वोजनार ने कहा, ‘‘भारत में 2050 तक 50 प्रतिशत शहरी आबादी होने का अनुमान है, इसलिए झुग्गी बस्तियों की वृद्धि, वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए स्मार्ट शहरों, मजबूत बुनियादी ढांचे और किफायती आवास का निर्माण महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘शहरी योजनाओं में महिलाओं की सुरक्षा संबंधी जरूरतों, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा एवं नौकरियों तक पहुंच को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जा सके और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार हो सके।'' वोजनार ने यह भी कहा कि आंतरिक और बाहरी प्रवासन को प्रबंधित करने के लिए अच्छे से सोच-विचार कर योजना बनाने, कौशल विकास करने और आर्थिक अवसर वितरण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अनुसार बदलाव को विकास योजनाओं में शामिल करना और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है। 

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