भारत की बिजली की मांग 7 % से अधिक CAGR की दर से बढ़ेगी : Nomura Report

Edited By Utsav Singh,Updated: 09 Nov, 2024 02:32 PM

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नोमुरा ने भारत के पावर सेक्टर के लिए एक सकारात्मक अनुमान प्रस्तुत किया है, जिसमें FY24 से FY27 के बीच बिजली की मांग में 7 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि (CAGR) की संभावना जताई गई है। नोमुरा के अनुसार, यह वृद्धि आर्थिक गतिविधियों में तेजी,...

नई दिल्ली : नोमुरा ने भारत के पावर सेक्टर के लिए एक सकारात्मक अनुमान प्रस्तुत किया है, जिसमें FY24 से FY27 के बीच बिजली की मांग में 7 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि (CAGR) की संभावना जताई गई है। नोमुरा के अनुसार, यह वृद्धि आर्थिक गतिविधियों में तेजी, बिजलीकरण में वृद्धि, और डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग, और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन जैसे क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाली नई मांग के कारण होगी।

बदलते मौसम और बिजली की बढ़ती मांग
हाल के दिनों में मौसम में बदलाव की वजह से आपूर्ति की कमी देखने को मिली है, जो बिजली की बढ़ती मांग को और बढ़ा सकता है। FY25 में अकेले बिजली की खपत में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो पिछले साल की 7.1 प्रतिशत की वृद्धि से लगातार बढ़ रही है।

नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। नोमुरा का अनुमान है कि FY25 में नवीकरणीय ऊर्जा भारत की कुल बिजली आपूर्ति का 35 प्रतिशत योगदान करेगी, जो FY24 में 33.5 प्रतिशत थी। इसमें सोलर और विंड ऊर्जा का प्रमुख योगदान होगा, जिनकी FY25 तक कुल बिजली मांग का 75 प्रतिशत हिस्सा होने का अनुमान है। विशेष रूप से सोलर पावर की साल दर साल वृद्धि 23 प्रतिशत तक हो सकती है। यह भारत के 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे भारत 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है, साथ ही 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य भी है।

भारत का 2030 तक का नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य
भारत का लक्ष्य है कि FY30 तक नवीकरणीय ऊर्जा देश की कुल स्थापित क्षमता का 55 प्रतिशत हिस्सा बने, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख नेता बन सके। यह लक्ष्य भारत को ऊर्जा क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।

प्रमुख क्षेत्र जो भारत की पावर डिमांड को प्रभावित करेंगे
भारत के पावर सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की संभावना है, जिनमें डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

1. डेटा सेंटर का विस्तार

भारत में डिजिटल गतिविधियों के बढ़ने के साथ, जैसे ई-कॉमर्स, OTT स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन शिक्षा, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और 5G के विकास से डेटा सेंटर की मांग में वृद्धि हो रही है। नोमुरा का अनुमान है कि भारत का डेटा सेंटर क्षमता 960 MW से बढ़कर 7.5 GW से 9 GW तक पहुंच जाएगी, जिससे FY30 तक बिजली की खपत 8.4 TWh से बढ़कर 80 TWh हो सकती है।

2. ग्रीन हाइड्रोजन का विकास

ग्रीन हाइड्रोजन को एक प्रमुख विकास चालक के रूप में पहचाना गया है। भारत में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ने के साथ 150 TWh से 300 TWh तक अतिरिक्त बिजली की मांग हो सकती है, जो उद्योगों के डिकर्बनाइजेशन में मदद करेगा।

3. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का विकास

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता, खासकर परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में, बिजली की मांग को और बढ़ाएगी।

पावर ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश
बढ़ती बिजली की मांग और नवीकरणीय ऊर्जा को सपोर्ट करने के लिए, भारत के पावर ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया जा रहा है। FY22 से FY32 के बीच इस क्षेत्र में 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश अनुमानित है। नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (2023-32) में पावर ट्रांसमिशन और विस्तार के लिए बड़े निवेश और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें 162,646 सर्किट किलोमीटर (ckm) ट्रांसमिशन लाइनें और 1,094 GVA ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता की वृद्धि शामिल है।

इसके अतिरिक्त, इंटर-रीजनल ट्रांसफर क्षमता को 119 GW से 168 GW तक बढ़ाने की योजना है, जिससे राज्यों के बीच ज्यादा बिजली का आदान-प्रदान संभव हो सकेगा। 33.25 GW की HVDC (High Voltage Direct Current) लाइनों के साथ दीर्घ दूरी तक बिजली का कुशलतापूर्वक ट्रांसमिशन सुनिश्चित किया जाएगा।

2040 तक नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान
नोमुरा के अनुसार, FY30 के बाद भी भारत की ऊर्जा रूपांतरण प्रक्रिया जारी रहेगी, और 2040 तक नवीकरणीय ऊर्जा भारत की कुल बिजली आपूर्ति का 49 प्रतिशत हिस्सा बन सकती है। यह बदलाव बैटरी स्टोरेज तकनीक और सोलर इंस्टॉलेशन की घटती लागत से समर्थित होगा।

भारत का ऊर्जा क्षेत्र आने वाले वर्षों में तेजी से बदलने वाला है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख भूमिका निभाएगी। FY30 तक कुल 777 GW की स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखा गया है, और इसमें सोलर, विंड, और हाइड्रो जैसे नवीकरणीय स्रोतों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। यह बदलाव भारत को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाने में मदद करेगा।

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