Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Mar, 2025 06:07 PM

भारत ने अपनी पहली स्वदेशी MRI मशीन विकसित कर ली है। एम्स-दिल्ली ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक यह MRI स्कैनर क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य महंगी आयातित मशीनों पर निर्भरता कम करना और MRI स्कैनिंग को सस्ता व अधिक सुलभ बनाना...
नेशनल डेस्क : भारत ने अपनी पहली स्वदेशी MRI मशीन विकसित कर ली है। एम्स-दिल्ली ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक यह MRI स्कैनर क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य महंगी आयातित मशीनों पर निर्भरता कम करना और MRI स्कैनिंग को सस्ता व अधिक सुलभ बनाना है।
यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत SAMEER (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) के सहयोग से चल रही है। SAMEER के महानिदेशक पीएच राव ने कहा कि क्लिनिकल और ह्यूमन ट्रायल्स की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।
MRI मशीन की जरूरत और भारत की पहल
फिलहाल भारत में 80-85% चिकित्सा उपकरण विदेशों से मंगाए जाते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में ₹68,885 करोड़ का मेडिकल उपकरण आयात हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 13% ज्यादा है। इस पहल से भारत अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है।
MRI मशीन बनाने में अन्य कंपनियों की भागीदारी
भारत में पहले से ही फिशर मेडिकल वेंचर्स (चेन्नई) और वॉक्सेलग्रिड्स इनोवेशन (बेंगलुरु) जैसी कंपनियां MRI मशीन विकसित करने का दावा कर चुकी हैं। अब MeitY और SAMEER के सहयोग से 1.5 टेस्ला MRI स्कैनर को जल्द ही देश के अस्पतालों में लगाया जाएगा।