Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Mar, 2025 01:16 PM

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 7 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 15.267 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह 653.966 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इससे...
नेशनल डेस्क. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 7 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 15.267 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह 653.966 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इससे पहले वाले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.781 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी और यह 638.698 बिलियन डॉलर पर था।
विदेशी मुद्रा भंडार में हाल ही में गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए RBI द्वारा किए गए बाजार हस्तक्षेप और मुद्रा पुनर्मूल्यांकन रहे हैं। हालांकि, सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 704.885 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
वर्तमान सप्ताह में हुई तेज बढ़ोतरी को फरवरी 28 को RBI द्वारा किए गए 10 बिलियन डॉलर के फॉरेक्स स्वैप से जोड़ा जा रहा है। इस स्वैप के दौरान RBI ने रुपये के बदले डॉलर खरीदे थे ताकि सिस्टम में तरलता को बढ़ाया जा सके।
इस सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा संपत्तियां 13.993 बिलियन डॉलर बढ़कर 557.282 बिलियन डॉलर हो गईं, जो भंडार का एक प्रमुख हिस्सा हैं। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य में होनेवाले उतार-चढ़ाव का भी असर होता है। साथ ही भारत की IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ रिजर्व पोजीशन 69 मिलियन डॉलर घटकर 4.148 बिलियन डॉलर हो गई, जैसा कि RBI के डेटा में बताया गया है।