Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Mar, 2025 02:49 PM
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भारत का वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह फरवरी 2025 में 9.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹1.84 लाख करोड़ तक पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय GST से ₹35,204 करोड़, राज्य GST से ₹43,704 करोड़, एकीकृत GST से ₹90,870 करोड़ और मुआवजा उपकर से ₹13,868...
नेशनल डेस्क. भारत का वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह फरवरी 2025 में 9.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹1.84 लाख करोड़ तक पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय GST से ₹35,204 करोड़, राज्य GST से ₹43,704 करोड़, एकीकृत GST से ₹90,870 करोड़ और मुआवजा उपकर से ₹13,868 करोड़ की प्राप्ति हुई है।
घरेलू लेन-देन से GST राजस्व में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो ₹1.42 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जबकि आयात से GST संग्रह 5.4 प्रतिशत बढ़कर ₹41,702 करोड़ रहा। फरवरी महीने में कुल ₹20,889 करोड़ की रिफंड जारी की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.3 प्रतिशत अधिक है। फरवरी 2025 में शुद्ध GST संग्रह 8.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹1.63 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
फरवरी में GST संग्रह: प्रमुख आंकड़े फरवरी 2024 में भारत के सकल और शुद्ध GST संग्रह क्रमशः ₹1.68 लाख करोड़ और ₹1.50 लाख करोड़ थे। हालांकि, फरवरी 2025 में ₹1.84 लाख करोड़ का सकल GST संग्रह, जनवरी 2025 में ₹1.96 लाख करोड़ से कम है।
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज LLP के पार्टनर विवेक जालान ने कहा कि इस साल का GST संग्रह लगभग लक्ष्य के मुताबिक है, जिसके कारण वित्तीय वर्ष 2025 के लिए संशोधित अनुमानों के अनुसार वित्तीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो बजट में निर्धारित 4.9 प्रतिशत से कम है।
जालान ने आगे कहा, "एक अलग बात यह है कि आयात से GST संग्रह में केवल 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि घरेलू GST संग्रह में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह दिखाता है कि भारत अधिक 'आत्मनिर्भर' हो रहा है। इसके साथ ही, रिफंड्स (सहित निर्यात रिफंड्स) में 15.8 प्रतिशत की वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है।"