भारत में ऐतिहासिक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम का शुभारंभ, केपीएमजी रिपोर्ट में दावा

Edited By Rahul Rana,Updated: 13 Nov, 2024 02:22 PM

india s infrastructure push to be among largest in 21st century kpmg

केपीएमजी की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आने वाले समय में 21वीं सदी के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा कार्यक्रमों में से एक लागू होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूंजी के राजकोषीय स्रोत का सृजन...

नेशनल डेस्क। केपीएमजी की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आने वाले समय में 21वीं सदी के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा कार्यक्रमों में से एक लागू होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूंजी के राजकोषीय स्रोत का सृजन करना महत्वपूर्ण होगा।

यह रिपोर्ट केपीएमजी 2024 इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड ट्रांसपोर्ट सीईओ आउटलुक के नाम से प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में दुनिया भर के 120 बुनियादी ढांचा और परिवहन क्षेत्र के सीईओ का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि अगले तीन वर्षों में बुनियादी ढांचा और परिवहन क्षेत्र के सीईओ आय और कर्मचारियों की संख्या में व्यावसायिक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।

बुनियादी ढांचे और ईएसजी पर जोर

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) से संबंधित हितधारकों की अपेक्षाएं तेजी से बदल रही हैं। 57 प्रतिशत सीईओ का कहना है कि ईएसजी के प्रति इन अपेक्षाओं को अनुकूलित करने की तुलना में उनकी रणनीतियां तेजी से बदल रही हैं।

इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में रिपोर्ट में यह कहा गया कि आधे से अधिक सीईओ का मानना है कि जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में वैश्विक विफलता का उनके व्यवसाय के विकास पर अल्पकालिक से मध्यम अवधि में नकारात्मक असर पड़ सकता है।

सरकारों पर विश्वास में कमी और व्यावसायिक जिम्मेदारी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दुनिया भर में सरकारों पर विश्वास और भरोसे में कमी आई है। 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि समाज सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए अब व्यवसायों की ओर देख रहा है। यही नहीं 71 प्रतिशत ने कहा कि अगर उनका व्यवसाय सामाजिक मुद्दों से निपटने में विफल रहता है और इससे उनके संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, तो वे अपने लाभदायक व्यवसाय के हिस्से को बेचने के लिए तैयार हो सकते हैं।

नई प्रौद्योगिकियों का प्रभाव

केपीएमजी के भारत में पार्टनर और सह-प्रमुख सौदा सलाहकार मनीष अग्रवाल ने कहा कि बुनियादी ढांचा और परिवहन क्षेत्र के सीईओ के लिए अब जनरेशन एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना एक प्रमुख एजेंडा बन गया है। उन्होंने कहा कि इन नई तकनीकों का इस्तेमाल व्यवसायों की कार्यकुशलता और क्षमता को बढ़ा सकता है।

रिपोर्ट के बारे में

केपीएमजी का सीईओ आउटलुक 10वां संस्करण 25-29 जुलाई 2024 के बीच 1,325 सीईओ के साथ आयोजित किया गया था, जिसमें सीईओ की मानसिकता, रणनीतियां और योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। इस सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों का वार्षिक राजस्व 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है और इन कंपनियों में से एक तिहाई का वार्षिक राजस्व 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा है।

बता दें कि सर्वेक्षण में शामिल सीईओ 11 प्रमुख देशों से थे, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, स्पेन, यूके और अमेरिका शामिल थे। साथ ही, यह सर्वेक्षण 11 प्रमुख उद्योग क्षेत्रों के सीईओ को भी कवर करता है, जिनमें बुनियादी ढांचा और परिवहन प्रमुख हैं।

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