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इतिहास रचने निकली ये कम्पनी! भारत के सबसे बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद इस शेयर में जबरदस्त उछाल, जल्दी देखें

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Apr, 2025 03:04 PM

india s largest wind project inox wind shares rise

भारत की विंड एनर्जी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। देश की प्रमुख विंड पावर कंपनी आइनॉक्स विंड (INOX Wind) को अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर CESC लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी की ओर से मिला है और इसमें 1500 मेगावॉट (MW) के पावर...

नेशनल डेस्क: भारत की विंड एनर्जी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। देश की प्रमुख विंड पावर कंपनी आइनॉक्स विंड (INOX Wind) को अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर CESC लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी की ओर से मिला है और इसमें 1500 मेगावॉट (MW) के पावर प्रोजेक्ट की डील हुई है। इसमें से 900 MW प्रोजेक्ट को FY26 यानी 2026 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने यह भी बताया कि इस डील के लिए उसे पहले ही एडवांस पेमेंट मिल चुका है। इस खबर के सामने आते ही INOX Wind के शेयर में 4% से ज्यादा की तेजी देखी गई और ये शेयर लगभग ₹170 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।

कंपनी के पास है बड़ी ऑर्डर बुक

Q3 के नतीजों में कंपनी ने खुलासा किया था कि उसकी टोटल ऑर्डर बुक 3.3 गीगावॉट (GW) की है। FY25 में ही कंपनी को 1.4 GW का नया ऑर्डर मिला है और आने वाले समय में और भी बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद जताई गई है। INOX Wind एक फुली इंटीग्रेटेड विंड एनर्जी कंपनी है जो ट्रंकी प्रोजेक्ट्स संभालती है। इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स गुजरात, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्थित हैं। कंपनी ब्लेड, टॉवर, हब्स, नेकेल और विंड टरबाइन जेनरेटर (WTG) जैसे कंपोनेंट्स बनाती है।

सालाना 2.5 GW मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी

INOX Wind की प्रोडक्शन कैपेसिटी 2.5 GW प्रति वर्ष की है। इसका मतलब है कि यह कंपनी हर साल इतने पावर प्रोजेक्ट्स को संभालने और कंपोनेंट सप्लाई करने की क्षमता रखती है।

सरकार ने दिए घरेलू निर्माण पर जोर देने के संकेत

हाल ही में नीति आयोग और केंद्र सरकार की ओर से सुझाव आया है कि WTG मैन्युफैक्चरर्स को 60% डोमेस्टिक कंटेंट इस्तेमाल करना अनिवार्यकरना चाहिए। अब तक केवल हब और नेकेल का निर्माण भारत में अनिवार्य था, लेकिन अब ब्लेड, टावर, गियर बॉक्स और जनरेटर जैसे हिस्सों के लिए भी घरेलू सोर्सिंग पर जोर दिया जा रहा है।

जानिए विंड टरबाइन की लागत में किसका कितना योगदान

  • टावर: 26%

  • ब्लेड: 22%

  • गियर बॉक्स: 12%

  • जेनरेटर: 4%
    यानि कि इन चार कंपोनेंट्स की कुल लागत पूरे टरबाइन की लागत का 64% होती है।

क्या बोले ब्रोकरेज हाउस

ICICI सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि जो कंपनियां पहले से ज्यादा घरेलू कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करती हैं उन्हें सरकार के नए प्रस्तावों का बड़ा फायदा होगा। Suzlon Energy का करीब 85% कंपोनेंट डोमेस्टिक होता है, इसलिए उसे इसका सीधा लाभ मिलेगा। हालांकि INOX Wind को भी अब डोमेस्टिक कंटेंट बढ़ाना होगा ताकि वह इन नियमों के अनुसार बनी रहे। ICICI और अन्य ब्रोकरेज हाउस ने INOX Wind और Suzlon दोनों पर पॉजिटिव स्टैंड लेते हुए BUY रेटिंग दी है।

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