Edited By Mahima,Updated: 24 Mar, 2025 12:11 PM

ओडिशा में सोने के बड़े भंडार मिलने से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। खनन मंत्री विभूति भूषण जेना के अनुसार, नबरंगपुर, अंगुल, और कोरापुट जिलों में सोने के भंडारों का पता चला है। ओडिशा सरकार देवगढ़ जिले में सोने के खनन ब्लॉक को नीलामी...
नेशनल डेस्क: ओडिशा के विभिन्न जिलों में सोने के बड़े भंडार मिलने से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में एक नया जोश देखने को मिल सकता है। 20 मार्च 2025 को राज्य के खनन मंत्री विभूति भूषण जेना ने बताया कि ओडिशा के नबरंगपुर, अंगुल, सुनगढ़ और कोरापुट जिलों में सोने के भंडार मिले हैं। इसके साथ ही मलकानगिरी, संबलपुर और बौध जैसे क्षेत्रों में भी सोने की खपत की संभावना जताई जा रही है और इन स्थानों में खनन कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
खनन मंत्री ने आगे बताया कि राज्य के जशिपुर, सुरियागुड़ा, रुआंसी, इडेलकुचा, मारेडीही, सुलेईपाट और बादाम पहाड़ जैसे क्षेत्रों में भी सोने के भंडारों की खोज जारी है। इन इलाकों में खनन कार्य के लिए विशेषज्ञों की टीमों ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि ये क्षेत्र भी सोने के खनिजों से समृद्ध हो सकते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा तांबे के खनिजों की खोज के दौरान अदासा-रामपल्ली क्षेत्र में सोने के भंडार भी मिल चुके हैं। GSI के विशेषज्ञ इस क्षेत्र में और गहरी खोज कर रहे हैं, ताकि अधिक भंडार का पता लगाया जा सके। इस शोध ने राज्य की खनिज संसाधनों के महत्व को और बढ़ा दिया है, जिससे खनन और खनिज उद्योग में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार के पास एक और बड़ी योजना है, जिसके तहत ओडिशा सरकार देवगढ़ जिले में पहला सोने का खनन ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार कर रही है। यह नीलामी राज्य की खनिज नीति के अंतर्गत की जाएगी, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इस कदम से प्रदेश के खनिज क्षेत्र में एक नया बदलाव आएगा और यह राज्य के आर्थिक विकास को एक नया आयाम दे सकता है। इसके अलावा, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) मांकडचुआ, सलेइकाना और दिमिरीमुंडा जैसे क्षेत्रों में भी सोने के भंडारों की जांच कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के भंडार काफी समृद्ध हो सकते हैं। इन सर्वे रिपोर्ट्स के मूल्यांकन के बाद, खनन और व्यावसायिक उपयोग के लिए सिफारिशें की जाएंगी, ताकि राज्य के खनिज संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके।
राज्य के अन्य जिलों जैसे मयूरभंज, जशिपुर, सुरियागुड़ा और बादमपहाड़ में भी प्रारंभिक सर्वेक्षण जारी हैं, जिसमें सोने और अन्य खनिजों की संभावना का मूल्यांकन किया जा रहा है। जलाढी में GSI द्वारा तांबे और सोने की खोज के लिए अभियान शुरू किया गया है, और इस साल अच्छे परिणाम मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, केओन्झार जिले के गोपार-गाजीपुर इलाकों में सोने के भंडार का मूल्यांकन किया जा रहा है, हालांकि इन इलाकों में नीलामी की कोई योजना नहीं है। इन सोने के भंडारों की खोज से न केवल ओडिशा की बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ हो सकता है। सोने के इन भंडारों के खनन से राज्य में रोजगार के कई नए अवसर पैदा हो सकते हैं और स्थानीय लोगों को इसका फायदा मिल सकता है।
इससे राज्य की खनिज उद्योग की स्थिति मजबूत होगी और ओडिशा के खनिज संसाधनों का अधिकतम लाभ उठाया जा सकेगा। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था को भी एक बड़ा फायदा हो सकता है क्योंकि सोने की बढ़ती उपलब्धता से देश की औद्योगिक गतिविधियाँ और व्यापार भी बढ़ सकता है। खनन से मिलने वाले राजस्व का उपयोग सार्वजनिक योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जा सकता है, जिससे राज्य और देश दोनों की समृद्धि में वृद्धि होगी। सरकार का यह कदम न केवल ओडिशा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है, जिससे देश की खनिज नीति को एक नया दिशा मिलेगा और विदेशों में भारतीय खनिजों की मांग में भी वृद्धि हो सकती है।