Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jan, 2025 09:45 PM
भारत का विनिर्माण क्षेत्र जनवरी में एक मजबूत वृद्धि दर्ज करने में सफल रहा है, जिसकी मुख्य वजह नए निर्यात ऑर्डरों में तेज़ वृद्धि और दुनिया भर में स्टॉकिंग की संभावित बढ़ती गतिविधि है। एचएसबीसी द्वारा शुक्रवार को जारी की गई फ्लैश पीएमआई (क्रय प्रबंधक...
नेशनल डेस्क: भारत का विनिर्माण क्षेत्र जनवरी में एक मजबूत वृद्धि दर्ज करने में सफल रहा है, जिसकी मुख्य वजह नए निर्यात ऑर्डरों में तेज़ वृद्धि और दुनिया भर में स्टॉकिंग की संभावित बढ़ती गतिविधि है। एचएसबीसी द्वारा शुक्रवार को जारी की गई फ्लैश पीएमआई (क्रय प्रबंधक सूचकांक) रिपोर्ट में इस वृद्धि का उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट से साफ होता है कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने इस साल की शुरुआत में मजबूत प्रदर्शन किया है, जो आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हो सकते हैं।
निर्यात में वृद्धि ने बनाए नए अवसर
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि मुख्य रूप से नए निर्यात ऑर्डरों में तेज़ी आने के कारण हुई है। नए ऑर्डरों के कारण उत्पादन में भी तेजी आई, जिससे विनिर्माण गतिविधि में एक मजबूत उछाल देखने को मिला। विशेष रूप से, निर्यात के लिए ऑर्डर घरेलू ऑर्डरों और सेवा ऑर्डरों से ज्यादा तेजी से बढ़े। इसका कारण माना जा रहा है कि दुनिया भर में नए संभावित टैरिफ लागू होने से पहले ही स्टॉकिंग गतिविधि तेज़ हो गई, जिससे निर्यात में वृद्धि हुई है।
विनिर्माण और सेवाओं में अंतर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में अंतर दिखाई दिया। जबकि विनिर्माण में वृद्धि दर्ज की गई, सेवाओं का पीएमआई पिछली बार के मुकाबले थोड़ा घटा। इसके पीछे का कारण संभावित टैरिफ का डर और बढ़ती लागत हो सकता है। हालांकि, सेवा प्रदाताओं के लिए इनपुट कीमतें बढ़ी हैं, जिससे उनके लिए मुनाफा घटा है। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र में लागत दबाव कम हुआ है, जिससे निर्माताओं के मार्जिन में सुधार हुआ है।
मुद्रास्फीति में गिरावट की उम्मीद
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुद्रास्फीति जनवरी में 4.2 प्रतिशत तक गिरने की उम्मीद है। इससे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति में ढील देने का रास्ता साफ हो सकता है। एचएसबीसी ने उम्मीद जताई है कि फरवरी और अप्रैल में 25 बेसिस प्वाइंट की दरों में कटौती हो सकती है, जिससे रेपो दर 6 प्रतिशत तक आ सकती है। इस बदलाव से अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त सहारा मिल सकता है।
क्या उम्मीद की जा सकती है भविष्य में?
हालांकि जनवरी में सेवा क्षेत्र की गतिविधि थोड़ी कम रही, लेकिन विनिर्माण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन के बाद आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत मिल सकते हैं। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती के साथ-साथ सेवा क्षेत्र में भी धीरे-धीरे सुधार हो सकता है। यदि मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहती है, तो केंद्रीय बैंक द्वारा की जाने वाली दरों में कटौती से विकास की गति को और बल मिल सकता है। एचएसबीसी फ्लैश पीएमआई रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र 2025 के पहले महीने में ही सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है। निर्यात में वृद्धि और नए ऑर्डरों की बढ़ती मांग से यह क्षेत्र आने वाले समय में और भी मजबूत हो सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।