Edited By Parminder Kaur,Updated: 19 Jan, 2025 03:12 PM
भारत का मोबिलिटी उद्योग 2030 तक दोगुना होकर $600 बिलियन के आंकड़े को पार कर सकता है। यह जानकारी Google और Boston Consulting Group (BCG) द्वारा जारी Think Mobility Report में सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस क्षेत्र में वृद्धि पारंपरिक और...
नेशनल डेस्क. भारत का मोबिलिटी उद्योग 2030 तक दोगुना होकर $600 बिलियन के आंकड़े को पार कर सकता है। यह जानकारी Google और Boston Consulting Group (BCG) द्वारा जारी Think Mobility Report में सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस क्षेत्र में वृद्धि पारंपरिक और उभरते दोनों प्रकार के राजस्व स्रोतों से होगी, जो वैश्विक रुझानों से अलग होंगे।
उभरते राजस्व स्रोतों से मिलेगा बड़ा बल
रिपोर्ट के अनुसार, उभरते हुए राजस्व स्रोत जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (EVs), साझा मोबिलिटी और कनेक्टेड मोबिलिटी अगले कुछ सालों में $100 बिलियन का योगदान करेंगे, जो साफ और सतत मोबिलिटी की ओर एक मजबूत कदम होगा।
Natarajan Sankar, Managing Director और Partner BCG ने कहा- भारत पहले ही तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री है और अगले कुछ वर्षों में यह परिवर्तन के कगार पर है। इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में वैश्विक नवाचारों का सही तरीके से उपयोग करना OEMs के लिए अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) में बढ़ती रुचि
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। एक-तिहाई भारतीय उपभोक्ता अपनी अगली कार या बाइक के लिए EV को प्राथमिकता दे रहे हैं। खासतौर पर चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों (E4W) और दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों (E2W) के बीच स्पष्ट अंतर देखा जा रहा है। E4W खरीदने वाले लोग अधिक टेक्नोलॉजी और विशेषता वाली कारों को पसंद कर रहे हैं, जबकि E2W उपभोक्ता अधिक व्यावहारिकता, आराम और किफायती विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
डिजिटल खरीदारी और कनेक्टेड फीचर्स की बढ़ती मांग
Bhaskar Ramesh, Director - Omni-Channel Businesses, Google India ने कहा- हमारा उद्योग बड़े बदलावों से गुजर रहा है, जहां ग्राहक की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। Gen Z और महिलाओं द्वारा नेतृत्व किए गए। डिजिटल खरीदारी की प्रक्रिया पारंपरिक प्रक्रिया से तेज़ हो रही है और AI के उपयोग से ग्राहक को अधिक पर्सनलाइज्ड अनुभव मिल रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में कनेक्टेड फीचर्स की मांग वैश्विक रुझानों से अलग है। भारतीय उपभोक्ता इंफोटेनमेंट, रियल-टाइम पार्किंग असिस्टेंस और एंटी-थेफ्ट फीचर्स जैसे फीचर्स की ओर अधिक आकर्षित हैं। वहीं वैश्विक रूप से लोकप्रिय कनेक्टेड फीचर्स जैसे रिमोट कंट्रोल का भारतीय बाजार में कम ही चलन है।