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2036 तक भारत की आबादी 152 करोड़ को करेगी पार , इंडिया के फ्यूचर को डिफाइन करेंगे ये 6 डेटा

Edited By Mahima,Updated: 14 Aug, 2024 11:24 AM

india s population will cross 152 crores by 2036

भारत की जनसंख्या वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले 12 वर्षों में यह 152.2 करोड़ तक पहुंच सकती है। चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत पहले से ही दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।

नेशनल डेस्क: भारत की जनसंख्या वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले 12 वर्षों में यह 152.2 करोड़ तक पहुंच सकती है। चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत पहले से ही दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है। यह अनुमान सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी 'भारत में महिला एवं पुरुष 2023' रिपोर्ट में सामने आया है। इस रिपोर्ट में देश के जनसांख्यिकी पर महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें लिंगानुपात, महिलाओं की आबादी, और उनकी भागीदारी से संबंधित कई पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।

लिंगानुपात में दिखा सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लिंगानुपात में सुधार की संभावना है। 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रति एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं थीं। यह आंकड़ा 2036 तक बढ़कर प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाएं होने का अनुमान है। यह सुधार लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम दर्शाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2036 तक महिलाओं की आबादी 48.8 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, जो 2011 की जनगणना में 48.5 प्रतिशत थी।

महिला मतदान में हुई वृद्धि
रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला मतदाताओं की भागीदारी में भी वृद्धि हुई है। 1999 के 15वें आम चुनाव में महिला मतदान प्रतिशत 60 प्रतिशत से कम था, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत आठ प्रतिशत अधिक था। लेकिन 2014 में यह प्रतिशत बढ़कर 65.6 प्रतिशत और 2019 में 67.2 प्रतिशत हो गया। यह बदलाव महिलाओं की बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता को दर्शाता है।

बुजुर्गों की बढ़ती संख्या
आंकड़े यह भी संकेत देते हैं कि 15 साल से कम उम्र के व्यक्तियों का अनुपात 2011 के मुकाबले 2036 में घटेगा, जबकि 60 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। यह परिवर्तन प्रजनन दर में कमी और जीवनकाल की लंबाई बढ़ने के कारण हो सकता है।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
1. जनसंख्या वृद्धि: 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। महिलाओं का प्रतिशत 48.5 से बढ़कर 48.8 प्रतिशत हो जाएगा।
2. लिंगानुपात: 2011 में 943 के मुकाबले 2036 तक लिंगानुपात 952 होने का अनुमान है।
3. प्रजनन दर: 2016-2020 के बीच 20-24 और 25-29 आयु वर्ग में प्रजनन दर में कमी आई है।
4. शिशु मृत्यु दर: 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 2015 में 43 से घटकर 2020 में 32 हो गई है।
5. श्रम बल भागीदारी: पुरुषों की श्रम बल भागीदारी 75.8 से बढ़कर 78.5 हो गई है, जबकि महिलाओं की भागीदारी 23.3 से बढ़कर 37 हो गई है।
6. महिलाओं की भागीदारी: रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्टअप्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। वर्तमान में 55,816 स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स का 47.6 प्रतिशत हैं।

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