Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Nov, 2024 03:31 PM
16 नवंबर 2024 को, डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण भारत के रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो देश की...
नेशनल डेस्क : 16 नवंबर 2024 को, डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण भारत के रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो देश की उन्नत सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करता है।
हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत
यह हाइपरसोनिक मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए डिज़ाइन की गई है और यह 1500 किमी से अधिक की दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने में सक्षम है। मिसाइल को विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था, और इसके परीक्षण के दौरान प्राप्त डेटा ने सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और उच्च सटीकता से प्रभाव को सिद्ध किया। इसके साथ ही हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत यह है कि यह 5 मैक (यानि 6174 किमी/घंटा) से अधिक की गति से यात्रा करती है। इस गति से मिसाइल का पता लगाना और उसे रोकना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस प्रकार की मिसाइलों का सफल परीक्षण भारत की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूती प्रदान करता है, और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में
इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारत को हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी रखने वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल करता है। यह टेस्ट भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और "मेक इन इंडिया" पहल को भी प्रदर्शित करता है। मिसाइल को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स और विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के साथ-साथ उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
उड़ान परीक्षण में सफलता
यह परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। डाउन रेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने यह पुष्टि की कि मिसाइल ने सफल युद्धाभ्यास किया और उच्च सटीकता से अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
India has achieved a major milestone by successfully conducting flight trial of long range hypersonic missile from Dr APJ Abdul Kalam Island, off-the-coast of Odisha. This is a historic moment and this significant achievement has put our country in the group of select nations… pic.twitter.com/jZzdTwIF6w
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 17, 2024
रक्षा मंत्री की बधाई
भारत के रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने इसे देश के लिए "ऐतिहासिक क्षण" बताया और डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, और उद्योग भागीदारों को इस सफलता के लिए बधाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा, ''यह एक ऐतिहासिक क्षण है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमारे देश को ऐसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण और उन्नत सैन्य तकनीकों की क्षमता है। मैं टीम @DRDO_India, हमारे सशस्त्र बलों और उद्योग को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ।''
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डीआरडीओ द्वारा किए गए इस हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण ने भारत को दुनिया के उन देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास अत्याधुनिक सैन्य तकनीक है। यह न केवल भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि "मेक इन इंडिया" के तहत स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के विकास की दिशा में भी एक अहम कदम है।