Edited By Tanuja,Updated: 13 Mar, 2025 08:24 PM

बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ढाका के संबंध में की गई हालिया टिप्पणी ‘‘अनुचित'' और दूसरे देश के घरेलू मामलों में ‘‘हस्तक्षेप'' के समान है...
Dhaka: बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ढाका के संबंध में की गई हालिया टिप्पणी ‘‘अनुचित'' और दूसरे देश के घरेलू मामलों में ‘‘हस्तक्षेप'' के समान है। पिछले सप्ताह भारत ने बांग्लादेश द्वारा ‘‘हिंसक चरमपंथियों'' को रिहा किए जाने पर चिंता व्यक्त की थी और इस बात को रेखांकित किया था कि हिंदुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनके धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा करना ढाका की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा कि ढाका ने बांग्लादेश के चुनाव, कानून व्यवस्था की स्थिति तथा अल्पसंख्यकों से संबंधित मामलों पर भारतीय विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है।
उन्होंने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बांग्लादेश का दृढ़ विश्वास है कि ये मुद्दे पूरी तरह से उसके आंतरिक मामले हैं, और इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं तथा दूसरे देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप के समान हैं।'' आलम ने कहा कि नयी दिल्ली की टिप्पणियां भ्रामक हैं और वे ‘‘जमीनी हकीकत को नहीं दर्शाती हैं''। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत एक ‘‘स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश'' का समर्थन करता है, जिसमें सभी मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों से और समावेशी एवं भागीदारीपूर्ण चुनावों के माध्यम से किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति (बांग्लादेश में) को लेकर चिंतित हैं, जो गंभीर अपराधों के लिए सजा पाए हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और भी बदतर हो गई है।'' भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों और धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है। पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ देने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में कड़वाहट आई है।