Edited By Rohini Oberoi,Updated: 06 Mar, 2025 04:17 PM

भारत के सेवा क्षेत्र में फरवरी 2025 में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई बल्कि नौकरियों के अवसर भी बढ़े। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जनवरी में 56.5 था जो 26...
नेशनल डेस्क। भारत के सेवा क्षेत्र में फरवरी 2025 में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई बल्कि नौकरियों के अवसर भी बढ़े। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जनवरी में 56.5 था जो 26 महीनों में सबसे कम था लेकिन फरवरी में यह बढ़कर 59.0 हो गया जो सेवा क्षेत्र में मजबूत सुधार को दर्शाता है। वहीं पीएमआई यानी "क्रय प्रबंधक सूचकांक" एक ऐसा आर्थिक संकेतक है जो व्यापार गतिविधि को मापता है।
अगर इंडेक्स 50 से ऊपर होता है तो इसका मतलब है कि व्यापार में विस्तार (वृद्धि) हो रहा है। अगर यह 50 से नीचे जाता है तो इसका मतलब है कि व्यापार में गिरावट आ रही है।
अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि का असर
एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया कि छह महीनों में वैश्विक मांग सबसे तेजी से बढ़ी जिससे सेवा क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली।
कई देशों से ऑर्डर बढ़े:
➤ अफ्रीका
➤ एशिया
➤ यूरोप
➤ अमेरिका
➤ मिडिल ईस्ट
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सेवा क्षेत्र में नौकरियों की तेजी
नए व्यवसायों की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों ने तेजी से भर्तियां कीं। फरवरी में रोजगार दर बढ़ी और यह दिसंबर 2005 के बाद सबसे तेज भर्ती प्रक्रिया में से एक रही। भंडारी ने कहा, "फरवरी में रोजगार और सेवा शुल्क मजबूत रहे। भविष्य की संभावनाएं भी सकारात्मक हैं हालांकि अगस्त 2024 के बाद व्यावसायिक आत्मविश्वास थोड़ा कम हुआ है।"
भविष्य में सेवा क्षेत्र की क्या स्थिति रहेगी?
➤ विज्ञापन
➤ ग्राहकों से बेहतर संबंध
➤ काम में दक्षता
➤ मजबूत मांग
इन सभी चीजों ने कंपनियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है।
एक सर्वे के मुताबिक 25% कंपनियां अगले साल अपने कारोबार में और वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं जबकि सिर्फ 2% कंपनियों को गिरावट का डर है।
भारत की आर्थिक स्थिति और जीडीपी वृद्धि
➤ भारत की अर्थव्यवस्था दिसंबर 2024 की तिमाही में 6.2% की दर से बढ़ी।
➤ पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर 6.5% रखी गई है।
➤ हालांकि 2023-24 में विकास दर 9.2% थी जो इस साल कम हो सकती है।
भारत बना रहेगा सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
हालांकि अगले वित्त वर्ष में वृद्धि 7% से कम रह सकती है लेकिन भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
➤ सेवा क्षेत्र में जबरदस्त उछाल आया है।
➤ नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं।
➤ अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से भारतीय सेवा क्षेत्र मजबूत हो रहा है।
➤ भारत की जीडीपी वृद्धि स्थिर बनी हुई है।
इस रिपोर्ट से यह साफ है कि भारत का सेवा क्षेत्र लगातार मजबूती की ओर बढ़ रहा है जिससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।