Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Jan, 2025 12:39 PM
एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत के छोटे शहरों के तेज़ी से विकास से 2033 तक टियर 2 और टियर 3 बाजारों में लगभग 24 मिलियन नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। इसमें 75 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिला कर्मचारी शामिल होंगे।
नेशनल डेस्क। एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत के छोटे शहरों के तेज़ी से विकास से 2033 तक टियर 2 और टियर 3 बाजारों में लगभग 24 मिलियन नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। इसमें 75 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिला कर्मचारी शामिल होंगे।
विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) के अनुसार भारत में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र की जीडीपी अगले दशक में 7.1 प्रतिशत सालाना बढ़ने का अनुमान है। इस समय पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र भारत में रोजगार का लगभग 8 प्रतिशत योगदान करता है।
एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय खर्च 2034 तक 1.2 गुना बढ़ने की संभावना है जिससे देश में कुशल कार्यबल की आवश्यकता और अधिक बढ़ेगी। महामारी के बाद अधिक कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता के कारण टियर 2 और 3 शहर अब पर्यटन के प्रमुख केंद्र बन रहे हैं।
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वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 तक इस क्षेत्र से 59 बिलियन डॉलर का राजस्व उत्पन्न होने का अनुमान है और 2030 तक बड़ी संख्या में अस्थायी और स्थायी नौकरियां सृजित होंगी। उदाहरण के तौर पर, महाकुंभ 2025 में होटल स्टाफ, टूर गाइड और ट्रैवल कोऑर्डिनेटर के लिए 1.2 मिलियन गिग और अस्थायी नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
वहीं धार्मिक पर्यटन केंद्र जैसे अयोध्या, वाराणसी, हरिद्वार और मथुरा इस वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके साथ ही लखनऊ, जयपुर, कोच्चि और ऋषिकेश जैसे शहर भी अपने सांस्कृतिक महत्व और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण बढ़ रहे हैं।
इसके अलावा डेस्टिनेशन वेडिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स, इकोटूरिज्म और सांस्कृतिक पर्यटन जैसे नए ट्रेंड्स भी इन शहरों को आगे बढ़ा रहे हैं। इस क्षेत्र की वृद्धि को बनाए रखने के लिए टूर गाइड, होटल स्टाफ और स्थानीय कारीगरों के प्रशिक्षण पर जोर देने की आवश्यकता है।