Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 Jan, 2025 09:30 PM
भारत और सऊदी अरब के बीच हज-2025 के लिए एक अहम समझौता हुआ है, जिसमें भारत का हज कोटा 1 लाख 75 हजार 25 निर्धारित किया गया है। यह समझौता आज सऊदी अरब के जेद्दा में भारतीय अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और सऊदी हज और उमराह मंत्री डॉ....
इंटरनेशनल डेस्क: भारत और सऊदी अरब के बीच हज-2025 के लिए एक अहम समझौता हुआ है, जिसमें भारत का हज कोटा 1 लाख 75 हजार 25 निर्धारित किया गया है। यह समझौता आज सऊदी अरब के जेद्दा में भारतीय अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और सऊदी हज और उमराह मंत्री डॉ. तौफीक बिन फवजान अल-रबिया के बीच हुआ। यह कदम भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए हज यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
हज यात्रा का बढ़ता महत्व
भारत से हज यात्रा पर बड़ी संख्या में लोग हर साल जाते हैं। हज एक धार्मिक यात्रा है, जिसे इस्लाम धर्म के अनुयायी जीवन में एक बार मक्का-मदीना जाने के रूप में मानते हैं। हज यात्रा में भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है, और हर साल लाखों भारतीय मुस्लिमों की ख्वाहिश होती है कि वे इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें। इसी को ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब और भारत सरकार ने यह द्विपक्षीय समझौता किया है, ताकि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध हो सकें।
1.75 लाख भारतीय जाएंगे हज
सऊदी अरब ने 2025 के लिए भारत का हज कोटा 1 लाख 75 हजार 25 निर्धारित किया है। हालांकि, भारत सरकार ने इस साल के लिए कोटे में 10,000 अतिरिक्त बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन सऊदी अरब ने वर्तमान कोटा के स्तर पर ही सहमति जताई है, जो पिछले साल के कोटे के समान है। इससे भारतीय तीर्थयात्रियों को हज यात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय सऊदी अरब के हज मंत्रालय और भारतीय सरकार के बीच पिछले कुछ महीनों से चल रही चर्चा का परिणाम है।
सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान
समझौते के दौरान दोनों पक्षों ने हज यात्रा के दौरान भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को सुनिश्चित करने पर चर्चा की। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि यात्रा को अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा सके, ताकि तीर्थयात्री धार्मिक अनुष्ठानों को निर्विघ्न रूप से पूरा कर सकें।
हज यात्रा में मौतों की रिपोर्ट क्या कहती है?
पिछले वर्ष की हज यात्रा में कुल 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। इन मौतों के कारणों में प्राकृतिक बीमारियां, पुरानी बीमारियां और बुढ़ापे जैसी वजहें शामिल थीं। इसके अलावा, सऊदी अरब में पिछले साल हज के दौरान 900 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी, जिनमें 98 भारतीय थे। इस दौरान भारत सरकार ने तीर्थयात्रियों के परिवारों को मदद और समर्थन देने के प्रयास किए थे।
हज यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को एक समझौते पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसके तहत अगर किसी की मौत सऊदी अरब में हो जाती है, तो शव वहीं दफनाया जाता है और वह वापस नहीं लाया जा सकता। इस प्रक्रिया से संबंधित सभी जरूरी जानकारी और सावधानियां सरकार द्वारा यात्रा से पहले दी जाती हैं।