Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Feb, 2025 05:35 PM
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भारत की अर्थव्यवस्था के लिए फरवरी का महीना सकारात्मक संकेत लेकर आया है। HSBC इंडिया कंपोजिट PMI (पर्चेसिंग मैनजर्स इंडेक्स) के अनुसार, फरवरी में कारोबार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंची। इस वृद्धि के...
नेशनल डेस्क: भारत की अर्थव्यवस्था के लिए फरवरी का महीना सकारात्मक संकेत लेकर आया है। HSBC इंडिया कंपोजिट PMI (पर्चेसिंग मैनजर्स इंडेक्स) के अनुसार, फरवरी में कारोबार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंची। इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण था सेवा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय उछाल और रोजगार सृजन में रिकॉर्ड वृद्धि। यहां जानिए इस रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु, जो भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ नई उम्मीदें जगा रहे हैं। फरवरी में भारत के सेवा क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखी गई, जिससे कुल कारोबारी वृद्धि को मजबूती मिली। HSBC इंडिया का सेवा क्षेत्र PMI फरवरी में 61.1 पर पहुंच गया, जो पिछले साल मार्च के बाद सबसे उच्चतम स्तर है। जनवरी में यह आंकड़ा 56.5 था, जो इस वृद्धि को साफ दर्शाता है। इस वृद्धि का प्रमुख कारण नए व्यवसायों में हुई वृद्धि है, जो सेवा क्षेत्र की मांग में बढ़ोतरी को दर्शाता है।
रोजगार सृजन का रिकॉर्ड स्तर
फरवरी में रोजगार सृजन ने भी एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। यह डेटा 2005 के बाद से सबसे तेज़ रोजगार सृजन को दर्शाता है। भारत के निजी क्षेत्र में बेरोजगारी को कम करने के प्रयासों को सफल बनाने में ये आंकड़े महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि नए व्यवसायों और सेवाओं के विस्तार के कारण रोजगार के अवसर बढ़े हैं।A
बढ़ती इनपुट लागत और कीमतों में वृद्धि
हालांकि, सेवा और उत्पाद क्षेत्र में कारोबार बढ़ा है, लेकिन एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि इनपुट लागत में बढ़ोतरी का दबाव बना हुआ है। व्यवसायों ने इस बढ़ती लागत को ग्राहकों पर डालने में सफलता प्राप्त की है। परिणामस्वरूप, कीमतों में वृद्धि देखी गई। विशेष रूप से, सेवा क्षेत्र में यह दबाव अधिक था, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में यह दबाव अपेक्षाकृत कम था।
वैश्विक जोखिमों के बावजूद सकारात्मक नजरिया
वैश्विक संकटों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा संभावित टैरिफ जैसे खतरों के बावजूद, भारत की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक रुझान दिख रहे हैं। व्यापार युद्ध के संभावित प्रभाव के बावजूद, भारत के कारोबारी वातावरण में एक सकारात्मक दृष्टिकोण देखा जा रहा है। यह विकास व्यापारियों के बढ़ते विश्वास और सकारात्मक आर्थिक माहौल को दर्शाता है।
विनिर्माण क्षेत्र में मामूली गिरावट
जबकि सेवा क्षेत्र में शानदार वृद्धि हुई, विनिर्माण क्षेत्र में थोड़ी सी गिरावट आई है। HSBC के डेटा के अनुसार, फरवरी में विनिर्माण PMI 57.7 से घटकर 57.1 पर आ गया। हालांकि, यह भी स्वस्थ विस्तार का संकेत है और यह बताता है कि विनिर्माण क्षेत्र में कारोबार स्थिर रूप से बढ़ रहा है, बावजूद इसके कि इसमें थोड़ी कमी आई है।