2025 तक भारत बनेगा वैश्विक फैशन ब्रांड्स के लिए प्रमुख गंतव्य - रिपोर्ट

Edited By Parminder Kaur,Updated: 15 Nov, 2024 02:31 PM

india set to become hottest destination for global fashion brands by 2025

भारत 2025 तक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते फैशन बाजारों में से एक बन सकता है और यह वैश्विक फैशन ब्रांड्स के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरने जा रहा है। द बिजनेस ऑफ फैशन (BoF) और McKinsey & Company की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट...

नेशनल डेस्क. भारत 2025 तक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते फैशन बाजारों में से एक बन सकता है और यह वैश्विक फैशन ब्रांड्स के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरने जा रहा है। द बिजनेस ऑफ फैशन (BoF) और McKinsey & Company की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की बढ़ती मध्यवर्गीय जनसंख्या तेजी से फैशन बाजारों में बदलाव ला रही है। भारत में युवाओं की अधिक संख्या और तेज़ आर्थिक विकास के चलते फैशन बाजार में बूम देखा जा रहा है।

भारत बनेगा तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार

McKinsey की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत 2027 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन सकता है। इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिसमें बढ़ता हुआ मध्यवर्ग, युवाओं की बढ़ती संख्या, और डिजिटल क्रांति शामिल है।

मध्यवर्ग का बढ़ता प्रभाव

भारत में बढ़ते हुए मध्यवर्ग का असर अब साफ दिख रहा है, खासकर उपभोक्ताओं के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे आ रहे हैं। देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा 35 साल से कम उम्र का है, जो फैशन के प्रति जागरूक और ट्रेंड-चेतन है। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते उपयोग ने ई-कॉमर्स उद्योग को नया आकार दिया है और उपभोक्ताओं के व्यवहार को भी बदल दिया है।

घरेलू ब्रांडों को बढ़ावा

भारत में पारंपरिक परिधान के लिए घरेलू ब्रांडों की तरफ बढ़ती हुई प्राथमिकता भी देखी जा रही है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय लक्ज़री ब्रांड्स अभी भी उच्च श्रेणी के बाजार में हावी हैं। ई-कॉमर्स ब्रांड्स भारतीय उपभोक्ताओं को वैश्विक ब्रांड्स से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे देश की फैशन इंडस्ट्री में एक नई दिशा देखने को मिल रही है।

चुनौतियां और अवसर

भारत के फैशन उद्योग में कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, जैसे सीमित रिटेल स्पेस, क्षेत्रीय भिन्नताएँ और उच्च आयात कर, लेकिन इसके बावजूद इस उद्योग में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही ब्रांड्स के लिए अपार अवसर हैं। यदि ब्रांड्स भारतीय बाजार की विशेषताओं के अनुसार खुद को ढालने में सफल होते हैं, तो वे इस विशाल बाजार में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल कर सकते हैं।

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