तीसरी पारी में PM मोदी की चीन को सबक सिखाने की तैयारी, तिब्बत में 30 से अधिक स्थानों के बदले जाएंगे नाम

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2024 07:40 PM

india set to rename over 30 places in tibet

प्रधानमंत्री मोदी अपने  तीसरे कार्यकाल में चीन को सबक सिखाने का प्लान बना चुके हैं। भारत अब चीन  की हरकतों का जवाब जैसे को तैसा...

इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री मोदी अपने  तीसरे कार्यकाल में चीन को सबक सिखाने का प्लान बना चुके हैं। भारत अब चीन  की हरकतों का जवाब जैसे को तैसा वाली रणनीति के तहत देने जा रहा है। इसके संकेत उस समय मिले जब ताइवानी राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बधाई संदेश का जवाब पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पूरी गर्मजोशी से देते हुए दोनों देशों में घनिष्ठ संबंधों बढ़ने के प्रति उन्हें आश्वस्त किया। इसके बाद चीन की ओर इस पर सख्त प्रतिक्रिया आई है। सूत्रों का कहना है कि  पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के बाद भारत अब चीन को तिब्बत मुद्दे पर घेरने का मन बना चुका है। इसके लिए भारत अब चीन के तिब्बत  स्वायत्त क्षेत्र में करीब दर्जन 30 से अधिक स्थानों के नाम बदलने की योजना बना रहा है। 

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नामकरण किए जाने के साथ भारत ने अपने दावे की जमीनी साक्ष्य पेश करने की भी तैयारी कर ली है। इसके लिए हाल के हफ्तों में भारतीय सेना ने इन विवादित सीमा क्षेत्रों में मीडिया के बहुत से दौरे आयोजित किए हैं। पत्रकारों को ऐसे स्थानीय लोगों से बात कराई गई है जो चीनी दावों का कड़ा विरोध करते हैं और कहते हैं कि वे हमेशा भारत का हिस्सा थे। इसका अंतिम लक्ष्य क्षेत्रीय और वैश्विक मीडिया के माध्यम से विवादित सीमा पर भारतीय नैरेटिव को खड़ा करना है। ऐसा नैरिटव जो ठोस ऐतिहासिक शोध और स्थानीय निवासियों की आवाजों पर आधारित है। भारत का यह कदम चीन द्वारा भारत के अरुणाचल प्रदे में कई स्थानों के नाम बदलने  की चाल का मुकाबला करने की तैयारी माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सैन्य स्रोतों ने ऐसे स्थानों के नए नाम की पूरी सूची तैयार कर ली है और दिल्ली में नई सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद ही यह सूची जारी की जा सकती है।  

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सूत्रों के अनुसार  प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 साल के कार्यकाल में अपनी मजबूत नेता की छवि खड़ी की है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि वह उस छवि को बनाए रखने के लिए तिब्बती स्थानों के नाम बदले जाने के अधिकृत करेंगे। गौरतलब है कि चीन अपने छद्म नामकरण अभियान के तहत अरुणाचल को जांगनान या दक्षिणी तिब्बत कहता है। अब भारत द्वारा तिब्बती पर चीन के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए उनका नाम बदले जाने रणनीति अपनाई है। इस पूरी रणनीति के पीछे भारतीय सेना का सूचना युद्ध प्रभाग है।

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इसके तहत पहले चरण में व्यापक शोध करके 30 से ज्यादा शहरों, नदियों, झीलों, दर्रा, पर्वतों, मैदानों के चीनी नामों को गलत साबित किया जाना है, जिसके लिए कोलकाता स्थित ब्रिटिशकालीन एशियाटिक सोसाइटी जैसे शीर्ष शोध संस्थानों का सहयोग लिया गया है। साथ ही इन स्थानों को नए नाम दिए जाने हैं। इसके लिए व्यापक ऐतिहासिक शोध पर आधारित नए नामों की सूची तैयार कर ली गई है। ऐतिहासिक अभिलेखों से संबंधित स्थानों के प्राचीन नामों को भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है। यह सूची जल्द ही मीडिया के माध्यम से ग्लोबल अभियान के तहत जारी की जाएगी। जानकारों का कहना है कि नामों के इस तरह बदले जाने से तिब्बत की स्वायत्ता का सवाल एक बार फिर वैश्विक चिंताओं का विषय बन जाएगा।

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